संकष्टी चतुर्थी पर भगवान विष्णु के साथ गणेशजी की पूजा का विधान
भोपाल [ महामीडिया] कल 4 अगस्त को सावन महीने की दूसरी संकष्टी चतुर्थी है। दूसरी इसलिए क्योंकि ये अधिक मास वाली चतुर्थी है। इस कारण इस चतुर्थी पर व्रत रखकर गणेश जी के विभुवन रूप की पूजा की जाती है। यानी भगवान विष्णु के साथ गणेशजी को पूजने का विधान है।सावन की चतुर्थी होने से इसे पापनाशिनी चतुर्थी भी कहा जाता है। भगवान शिव ने संकष्टी चतुर्थी व्रत के बारे में बताते हुए कहा था कि सावन में इस व्रत को करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।