अमृतपान का पर्व पितृमोक्ष अमावस्या 

अमृतपान का पर्व पितृमोक्ष अमावस्या 

भोपाल [  महामीडिया]14 अक्टूबर को पितृ पक्ष की अमावस्या है। इस तिथि पर पितरों की विशेष पूजा होती है। ज्योतिष के नजरिये से इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में आ जाते हैं। इन दोनों के ग्रहों के बीच का फासला 0 डिग्री हो जाता है। हर महीने की अमावस्या पर कोई न कोई व्रत या पर्व मनाया जाता है। ये तिथि पितरों की पूजा के लिए खास मानी जाती है, इसलिए इस दिन पितरों की विशेष पूजा से सुख-समृद्धि बढ़ती है। अमावस्या पर पितर अमृतपान कर के एक महीने तक संतुष्ट रहते हैं। इसके साथ ही पितृगण अमावस्या के दिन वायु के रूप में सूर्यास्त तक घर के दरवाजे पर रहते हैं और अपने कुल के लोगों से श्राद्ध की इच्छा रखते हैं। इस दिन पितृ पूजा करने से उम्र बढ़ती है। परिवार में सुख और समृद्धि बढ़ती है।

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