स्कंद षष्ठी पर भगवान स्कंद की पूजा का विधान

स्कंद षष्ठी पर भगवान स्कंद की पूजा का विधान

भोपाल [ महामीडिया] 24 जून, शनिवार को आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। इस तिथि पर भगवान स्कंद कुमार की पूजा करने का विधान है इसलिए इसे स्कंद षष्ठी कहा जाता है। इस दिन व्रत और भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से हर तरह के दोष और पाप खत्म हो जाते हैं। भगवान स्कंद शक्ति के अधिदेव हैं। ये देवताओं के सेनापति भी कहे जाते हैं। इनकी पूजा दक्षिण भारत मे सबसे ज्यादा होती है। यहाँ पर ये मुरुगन नाम से भी प्रसिद्ध है। भगवान स्कंद हिंदू धर्म के प्रमुख देवों मे से एक हैं। स्कंद को कार्तिकेय और मुरुगन नामों से भी पुकारा जाता है। दक्षिण भारत में पूजे जाने वाले प्रमुख देवताओं में से एक भगवान कार्तिकेय शिव पार्वती के पुत्र हैं। कार्तिकेय भगवान के अधिकतर भक्त तमिल हिन्दू हैं। इनकी पूजा खासतौर से तमिलनाडु और भारत के दक्षिणी राज्यों में होती है। भगवान स्कंद का सबसे प्रसिद्ध मंदिर तमिलनाडु में ही है।

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