पूजा के दौरान घंटी बजाने का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व

पूजा के दौरान घंटी बजाने का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व

भोपाल (महामीडिया) शास्त्रों के अनुसार किसी भी प्रकार की पूजा के दौरान घंटी जरूर बजानी चाहिए. क्योंकि घंटी से आने वाली आवाज के साथ मंदिर में रखी भगवान की मूर्तियां चैतन्य हो जाती हैं और आपकी पूजा भगवान तक पहुंच जाती है. मंदिर के अलावा जब भी घर में पूजा करें तो घंटी जरूर बजाएं. वहीं जब आप आरती करते हैं तो उस दौरान लगातार घंटी बजाना शुभ माना जाता है. 
घंटी बजाने से जो तेज आवाज निकलती है वह शरीर के सात चक्रों को सक्रिय कर देती है. ये मस्तिष्क के दाएं और बाएं लोब के बीच सामंजस्य बनाती है. इस प्रकार इनके बीच एकता पैदा करती है. सभी नकारात्मक विचारों को दूर करती है.
घंटी बजाने से जो ध्वनि उत्पन्न होती है वो एक झटके की तरह काम करती है जो हमें वर्तमान में ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है. इसे कई धातुओं से तैयार किया जाता है जिसमें विशेष उपचार गुण होते हैं. विज्ञान की दृष्टि में घंटियों से निकलने वाली ध्वनि हमारे मस्तिष्क को सक्रिय कर देती है और मनुष्य का ध्यान एक स्थान पर केंद्रित हो जाता है. 
इसके अलावा घंटी की आवाज से हवा में मौजूद हानिकारक सूक्ष्म कीटाणुओं का नाश होता है. दरअसल घंटी से निकलने वाली आवाज में काफी जोर होता है और उस आवाज के कारण वातावरण में मौजूद कीटाणु पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं. ऐसा होने पर पूजा करते समय आपको स्वच्छ वातावरण मिलता है.
घंटी की ध्वनि नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और सकारात्मकता को एकत्रित करती है. ये उस स्थान को शुद्ध करने में मदद करती है.  इसलिए घर के मंदिरों में बायीं ओर घंटी रखनी चाहिए. इसकी पुष्पों से पूजा करनी चाहिए. 
 

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