भगवान शिव की आराधना का मास श्रावण 

भगवान शिव की आराधना का मास श्रावण 

भोपाल [ महामीडिया] सावन में रोज शिव पूजा करने की परंपरा है। माना जाता है कि इस महीने में की गई पूजा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। जो लोग विधिवत पूजा नहीं कर पाते हैं, वे शिवलिंग पर जल और बिल्व पत्र चढ़ाकर भी पूजा कर सकते हैं। ऐसी पूजा से भी अक्षय पुण्य मिलता है। अक्षय पुण्य यानी ऐसा पुण्य, जिसका असर जीवनभर रहता है। शिव पूजा में बिल्व पत्र जरूर चढ़ाना चाहिए, इसके बिना पूजा अधूरी रहती है। पूजा करते समय अगर बिल्व पत्र नहीं मिल रहे हैं तो शिवलिंग पर चढ़े हुए बिल्व पत्र को फिर से धोकर चढ़ा सकते हैं। शिवपुराण में बताया गया है कि बिल्व पत्र को कई दिनों तक बासी नहीं माना जाता है। इसलिए बार-बार बिल्व पत्र को धोकर शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं। बिल्व पत्र, धतुरा, के फूलों के साथ ही शिवलिंग पर शमी के पत्ते भी चढ़ा सकते हैं।                  

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