आज से चार्तुमास की शुरुआत 

आज से चार्तुमास की शुरुआत 

भोपाल [ महामीडिया]  आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी देवशयनी एकादशी कहलाती है। इस दिन से चार्तुमास की शुरुआत होती है। इसे पद्मा एकादशी, आषाढ़ी या हरिशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। धर्म शास्त्र के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु सहित सभी देवी-देवता योग निद्रा में चले जाते हैं। पुराणों के अनुसार राजा बलि की दया और दानशीलता के भाव से खुश होकर भगवान विष्णु ने बलि के निवेदन पर पाताल लोक जाने का आग्रह स्वीकार किया था। श्रीहरि ने राजा बलि को वरदान दिया था कि वह हर साल आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक पाताल लोक में रहेंगे। एकादशी तिथि शनिवार, 9 जुलाई को दोपहर 04.40 मिनट से अगले दिन रविवार, 10 जुलाई को दोपहर 02.14 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के कारण एकादशी का व्रत 10 जुलाई को रखा जाएगा। चार महीने के बाद देवउठनी एकादशी को जब भगवान विष्णु योग निद्रा से बाहर आएंगे। तब सभी मांगलिक कार्य आरंभ होते हैं।
 

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