तीज-त्यौहारः रवि प्रदोष व्रत है आज

तीज-त्यौहारः रवि प्रदोष व्रत है आज

भोपाल (महामीडिया) हिंदू वैदिक रीति रिवाजों में हर दिन का ईश्वर से जुड़ाव और उसका महत्व माना गया है. माना जाता है कि हर दिन कुछ नया और ईश्वरीय आशीर्वाद लेकर आता है. आज रवि प्रदोष व्रत है. मान्यता है कि इस दिन महादेव और सूर्य देव की संयुक्त कृपा मिल जाती है. प्रदोष के बारे में कहते हैं कि ये जिस दिन भी पड़ता है, चाहे वो सोमवार हो या फिर रविवार. हर दिन कुछ अलग वरदान दे जाता है.
प्रदोष. प्रदोष जिस भी दिन पड़ता है. उस दिन का महत्व बढ़ जाता है. प्रदोष व्रत के बारे में कहा जाता है इस दिन भगवान शिव अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. ये व्रत हिंदू धर्म के सबसे शुभ और महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है.
रवि प्रदोष व्रत की महिमा
शास्त्रों में प्रदोष व्रत भगवान शिव की महाकृपा पाने का दिन है. जब प्रदोष व्रत रविवार को पड़ता है उसे रवि प्रदोष कहते हैं. रवि प्रदोष व्रत से मनोकामना पूरी की जा सकती है. दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है. प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है. 
रवि प्रदोष व्रत की तिथि-
ज्येष्ठा मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रवि प्रदोष व्रत है. रविवार सुबह 03.23 बजे से त्रयोदशी तिथि आरंभ हो चुकी है. तिथि का समापन देर रात 12 बजकर 26 मिनट पर होगा. ऐसे में शाम को प्रदोष पूजा का मुहूर्त आज प्राप्त हो रहा है.
रवि प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त
शास्त्रीय विधान है कि रवि प्रदोष के व्रत में शाम के समय भगवान शिव की आराधना की जाती है. 
पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07.19 बजे से आरंभ 
भोलेनाथ की पूजा रात 09.20 बजे तक की जा सकेगी 
शिव पूजा के लिए दो घंटे से अधिक का समय मिलेगा
रवि प्रदोष व्रत की पूजन विधि-
रवि प्रदोष एक ऐसा ही व्रत है. जिसे करने से व्यक्ति लंबा और निरोगी जीवन प्राप्त कर सकता है. रवि प्रदोष का व्रत करके सूर्य से संबंधित सभी रोग को बहुत आसानी से दूर किया जा सकता है. लेकिन किसी भी व्रत या पूजा का फल तभी मिलता है. जब विधि विधान पूजन और ईश्वर का भजन किया जाए. 
तांबे के लोटे में जल और शक्कर डालकर सूर्य को अर्घ्य दें
जल की छींटा अपनी दोनों आंखों पर लगाएं
भगवान शिव के मन्त्र नमः शिवाय का जाप पूरे दिन मन ही मन जाप करते रहे 
दिन भर निराहार रहें, प्रदोष काल मे शिव जी को पंचामृत से स्नान करवाएं
साबुत चावल की खीर और फल भगवान शिव को अर्पित करें
आसन पर बैठकर ॐ नमः शिवाय के मन्त्र या पंचाक्षरी स्तोत्र का 5 बार पाठ करें
माना जाता है कि रवि प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी पाप धूल जाते हैं और मोक्ष प्राप्त होता है. अपने उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए जब प्रदोष व्रत किया जाता है. तो व्रत करने वाले को मनचाहा वरदान मिलता है.
 

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