तीज-त्यौहारः संतान सप्तमी है आज 

तीज-त्यौहारः संतान सप्तमी है आज 

भोपाल (महामीडिया) भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को संतान सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। यह व्रत माता पिता अपनी संतान के सुख समृद्धि व रक्षा के लिए रखते हैं।
संतान सप्तमी तिथि
सप्तमी तिथि शुक्रवार को दोपहर 1:50 पर प्रारंभ होगी। 3 सितंबर 2022 शनिवार को दोपहर 12:25 पर समाप्त होगी।
संतान सप्तमी पूजन सामग्री
शिव परिवार प्रतिमा, लकड़ी की चौकी, कलश, अक्षत, रोली, मौली, केले का पत्ता, श्वेत वस्त्र, फल, फूल ,आम का पल्लव, भोग लगाने के लिए सात-सात पूआ या मीठी पूड़ी, कपूर, लौंग, सुपारी, सुहाग का सामान, चांदी का कड़ा या रेशम का धागा।
संतान सप्तमी व्रत व पूजन विधि

  • प्रातः काल सुबह जल्दी उठकर के नहा धो करके तैयार हो जाए।
  • सुबह शिव जी व विष्णु जी की पूजा करें।
  • तत्पश्चात संतान सप्तमी व्रत तथा पूजन का संकल्प लें।
  • निराहार रहते हुए शुद्धता से पूजन का सामान तैयार करें जैसे खीर सात-सात पूआ, या मीठी पूड़ी।
  • फिर पूजन स्थल को शुद्ध करें गंगाजल छिड़ककर।
  • फिर लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाए।
  • इसके बाद शिव परिवार की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें।
  • फिर कलश की स्थापना करें।
  • कलश में जल, सुपारी, अक्षत,₹1 का सिक्का, डालकर उस पर आम का पल्लव लगा कर के उसके ऊपर दियाली में चावल रखकर एक दीपक उसके ऊपर जला दें।
  • फिर भगवान को चढ़ाने वाले महाप्रसाद 7-7 पूये(आटे और शक्कर से बना हुआ) केले के पत्ते में बांधकर वहां पर रख दें।
  • इस व्रत में पूये का भोग लगाने का महत्व है।
  • इसके बाद फल फूल धूप दीप आदि से विधिवत पूजा करें।
  • इसके बाद चांदी के कड़े को शिव परिवार के सामने रखकर दूध व जल से शुद्ध करके टीका लगाएं। व भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करें।
  • इसके बाद चांदी के कड़े को अपने दाहिने हाथ में पहने।
  • इसके बाद संतान सप्तमी व्रत कथा सुने ।
  • यह पूजा 12:00 बजे के बाद ही होती है।
  • पूजन करने के बाद व्रत कथा सुनने के बाद सात-सात पूये जो कि भगवान को चढ़ाए गए थे उसमें से सात पूयें ब्राह्मण को दान में दे दें। व 7 पूयें खुद खाएं। व इसी से अपने व्रत को तोड़े।
     

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