उज्जयिनी में वर्षों की साधना का पुण्य फलित हो गया
भोपाल [ महामीडिया] मंगलवार को उज्जयिनी में जो कुछ अलौकिक घटित हुआ, उसे देवलोक से देवताओं ने भी देखा। देवाधिदेव महाकाल के वैभव की अनुगूंज दिगदिगंत तक सुनाई दी। मंगलवार का सूर्य जब उदित हुआ, तब उसने देखा उज्जयिनी के राजाधिराज और इस सृष्टि के अधिपति महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का अद्भुत वैभव। शाम होते-होते यह वैभव तब और बढ़ गया जब राष्ट्रनायक व शिवभक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नवनिर्मित 'श्री महाकाल लोक' का लोकार्पण करने महाकाल नगरी उज्जैन पहुंचे। पूरी दुनिया में बसे सनातन धर्मावलंबियों की दृष्टि उज्जयिनी पर थी। इसी मंगल क्षण में प्रधानमंत्री ने महाकाल मंदिर में पहुंचकर ज्योतिर्लिंग की पूजा-अर्चना की।
उज्जयिनी की धरा पर ऐसा अद्भुत दश्य उपस्थित हुआ मानो श्री महाकाल लोक में सभी मंत्र सिद्ध हो गए हों और उज्जयिनी का हजारों वर्षों की साधना का पुण्य फलित हो गया हो। अपने सुपुत्र महामना मोदी को महाकाल का मंत्र-अभिषेक करते देख उज्जयिनी प्रसन्न हुई। साथ ही भारतवर्ष व सनातन धर्म यह देखकर प्रसन्न हुए कि हिमालय की गोद में विराजित केदारनाथ, मां गंगा के किनारे स्थित काशी विश्वनाथ व गुजरात में जलधि के तट पर विराजित सोमनाथ मंदिर में नवनिर्माण के बाद अब मोक्षदायिनी शिप्रा की नगरी उज्जैन में विराजित स्वयंभू ज्योतिर्लिंग महाकाल के लिए भी 'नवनिर्मित 'लोक' का निर्माण हो गया।कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि का यह दिन उज्जैन व भारतवर्ष के इतिहास में दर्ज हो गया। प्रधानमंत्री धवल वस्त्र पहने महाकाल मंदिर पहुंचे और राजाधिराज को प्रणाम कर गर्भगृह में प्रवेश किया। यहां पंडित-पुजारियों ने सस्वर मंत्रोच्चार कर राष्ट्रनायक के ललाट पर शीतल चंदन का मंगल तिलक लगाया। भगवान भूतभावन के आशीर्वाद के तिलक से मोदी का भाल और चमक उठा। प्रधानमंत्री सुखासन में ज्योतिर्लिंग के सामने साधना मुद्रा में बैठे और पुजारियों ने पूजन आरंभ किया।शाम 5 बजे बाद महाकाल मंदिर में जलाभिषेक निषेध होने के कारण षोडशोपचार पूजन अर्थात 16 प्रकार के मंगल द्रव्यों से राजाधिराज का पूजन किया गया। इन 16 द्रव्यों में चंदन, अबीर, गुलाल, अक्षत, बिल्वपत्र, धतूरा, नवीन वस्त्र, प्रक्षालन के लिए जल आदि विधियों से पूजा करवाई गई। मोदी पूरे पूजन के दौरान किसी योगी की भांति आदियोगी महाकाल के समक्ष साधना मुद्रा में बैठे रहे। पुजारी दल ने प्रधानमंत्री को अंगवस्त्र भेंट कर बाबा महाकाल का आशीर्वाद दिया।प्रधानमंत्री मोदी जब गर्भगृह में थे, तब वे राष्ट्रनायक की जगह महादेव की साधना में रत जोगी अधिक लगे। वे पूजन के पश्चात गर्भगृह में ही माला लेकर जाप करने बैठे और शिव की आराधना की। उन्होंने करीब पांच मिनट तक सुखासन में बैठकर गहन मौन साधा और ध्यान लगाया। तत्पश्चात माला को पांच बार नेत्रों से लगाकर उसे हाथ में कलावा (रक्षासूत्र) की तरह वैसे ही लपेट लिया, जैसे विरक्त साधु लपेटते हैं। ध्यान के पश्चात उन्होंने बाबा महाकाल को पुन: प्रणाम किया और आशीर्वाद लेकर नवनिर्मित 'श्री महाकाल लोक' के लोकार्पण के लिए प्रस्थान कर गए।