आज वामन देव का प्रकट उत्सव

आज वामन देव का प्रकट उत्सव

भोपाल [महामीडिया] आज वामनदेव का प्रकट उत्सव है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी पर  यह पर्व मनाया जाता है। वामन भगवान विष्णु का पांचवां अवतार है। इससे पहले भगवान के मत्स्य, कच्छप, कूर्म और नृसिंह अवतार हुआ था। जब-जब पृथ्वी पर अधर्म बढ़ता है, तब-तब भगवान विष्णु धर्म की स्थापना के लिए अवतार लेते हैं। श्रीहरि ने वामन अवतार उस समय लिया था, जब दैत्यराज बलि ने देवताओं को पराजित कर स्वर्ग लोक पर अधिकार कर लिया था। देवताओं की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने देवमाता अदिति के गर्भ से वामन रूप में जन्म लिया। वामन एक छोटे ब्राह्मण बालक के रूप में प्रकट हुए थे। वामन देव की कथा दान, विनम्रता और धर्म की रक्षा का संदेश देती है। यह पर्व हमें विनम्रता, धर्म की रक्षा और निस्वार्थ दान का महत्व सिखाता है। राजा बलि की कथा बताती है कि सच्चा बल केवल सत्ता में नहीं, बल्कि त्याग और समर्पण में है। भगवान वामन का अवतार हमें यह प्रेरणा देता है कि जब भी अधर्म बढ़ता है तो भगवान धर्म की रक्षा के लिए अवतरित होते हैं। यह दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार को समर्पित है। इस दिन को वामन द्वादशी भी कहते हैं, क्योंकि यह पर्व हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है।

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