आज भगवान विष्णु की पूजा का विधान
भोपाल [ महामीडिया] श्रावण मास के बुधवार को भगवान विष्णु के साथ ही देवी लक्ष्मी का अभिषेक करें। पूजा में दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और अभिषेक करें। बाल गोपाल का भी इसी तरह अभिषेक करें। श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
तुलसी पूजा: इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान करना चाहिए। इसके बाद तांबे के लोटे में साफ जल भरकर उसमें गंगाजल की कुछ बूंदे डालें फिर तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं। फिर कुमकुम, चंदन, अक्षत, हल्दी, मेहंदी और फूल चढ़ाकर घी का दीपक लगाएं। इसके बाद पौधे की परिक्रमा करें। शाम को सूर्यास्त के समय भी दीपक लगाना चाहिए।
शिव पूजा: सावन का महीना होने से इस दिन शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए। भगवान को बिल्व पत्र और धतूरा भी चढ़ाएं। दीपक और कर्पूर जलाकर आरती करें।