वैशाख मास की परंपराएं 

वैशाख मास की परंपराएं 

भोपाल [ महामीडिया]अभी वैशाख मास चल रहा है और ये हिन्दी पंचांग का दूसरा महीना है। वैशाख 5 मई तक रहेगा। धर्म-कर्म के लिहाज से वैशाख का महत्व काफी अधिक है। इस महीने में जल दान करने की परंपरा है। साथ ही, नदी स्नान और नदी किनारे स्थित तीर्थ दर्शन करने का विशेष महत्व है। 
जो लोग वैशाख में तीर्थ यात्रा करते हैं, उन्हें धर्म लाभ के साथ ही मानसिक और शारीरिक लाभ भी मिलते हैं। मन को शांति मिलती है, सकारात्मकता बढ़ती है। एक जैसे जीवन की वजह से बनी निराशा दूर होती है।
वैशाख मास में पक्षियों के लिए भी पानी और अनाज की व्यवस्था करनी चाहिए, क्योंकि इन दिनों में अधिकतर नदी-तालाब सूख जाते हैं, इस कारण पक्षियों को दाना-पानी नहीं मिल पाता है। तीर्थ यात्रा करते हैं तो पितरों के लिए तर्पण आदि शुभ भी जरूर करना चाहिए।
 

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