विजया एकादशी 16 फरवरी को 

विजया एकादशी 16 फरवरी को 

उज्जैन [ महामीडिया]  गुरुवार, 16 फरवरी को फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे विजया एकादशी कहा जाता है। इस दिन व्रत-उपवास के साथ ही तीर्थ जल से स्नान करने, अन्न-जल और कपड़ों का दान करने का विधान है।इस बार ये तिथि गुरुवार को होने से इसका महत्व और बढ़ गया है। क्योंकि इस दिन के स्वामी भगवान विष्णु ही हैं और फाल्गुन महीने के स्वामी भगवान कृष्ण हैं। इसलिए इस दिन किए गए व्रत-पूजा से सौभाग्य और सुख बढ़ेगाये इस साल का पहला संयोग है जब गुरुवार को एकादशी तिथि पड़ रही है। इसके बाद देवशयनी और देवउठनी एकादशी भी गुरुवार को ही रहेगी। जिससे ये दोनों दिन महापर्व हो जाएंगे। इस साल जुलाई में आने वाली कामिका एकादशी और नवंबर में रमा एकादशी भी गुरुवार को रहेगी। इस साल ऐसा संयोग कुल पांच बार बनेगा।गुरुवार और एकादशी के योग में भगवान विष्णु-लक्ष्मी के साथ श्रीकृष्ण की पूजा पूजा भी करनी चाहिए। गुरुवार को शंख में जल और दूध मिलाकर भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण की मूर्ति पर चढ़ाते हुए अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद पीले फूल और तुलसी पत्र चढ़ाएं। फिर माखन-मिश्री और मिठाइयों का भोग लगाएं। 16 फरवरी गुरुवार को सुबह 05 बजकर 32 मिनट से फाल्गुन कृष्ण एकादशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी और यह 17 फरवरी शुक्रवार को तड़के 02 बजकर 49 मिनट पर खत्म हो जाएगी

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