राज्यपाल बिल रोकें नहीं : सुप्रीम कोर्ट

राज्यपाल बिल रोकें नहीं : सुप्रीम कोर्ट

मुंबई [महा मीडिया] सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति और राज्यपाल की बिल मंजूरी की डेडलाइन तय करने वाली याचिकाओं पर  निर्णय आना शुरू हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर गवर्नर को आर्टिकल-200 के तहत सही प्रोसेस का पालन किए बिना असेंबली से पास बिल रोकने की इजाजत दी जाती है तो यह संघवाद के हित के विरुद्ध होगा । कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं लगता कि गवर्नरों के पास  राज्य विधानसभा से पास बिलों पर रोक लगाने की पूरी शक्ति है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा गवर्नर्स के पास तीन ऑप्शन हैं- या तो मंजूरी दें या बिलों को दोबारा विचार के लिए भेजें या उन्हें प्रेसिडेंट के पास भेजें। राज्यपाल विधेयक को कानून बनाने के बीच सिर्फ एक रबर स्टैंप नहीं हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 11 सितंबर को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसका निर्णय आज दिया गया। मुख्य न्यायाधीश  बीआर गवई की अगुआई वाली संविधान पीठ ने सुनवाई की। पीठ में जस्टिस सूर्यकांत, विक्रम नाथ, पीएस नरसिम्हा और एएस चंद्रचूड़कर शामिल थे। 

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