वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी

वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी

भोपाल [महामीडिया] रिजर्व बैंक ने देश के आम ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट जीरो बैलेंस खातों के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन नए निर्देशों का उद्देश्य कम आय वाले जमाकर्ताओं के लिए बैंकिंग सेवाओं को और अधिक सुलभ तथा किफायती बनाना है। नए निर्देशों के तहत खाताधारकों को अब न्यूनतम सुविधाओं की एक विस्तारित सूची मिलेगी। इन सुविधाओं में शामिल हैं हर महीने जमा होने वाली रकम पर कोई ऊपरी सीमा नहीं होगी। बिना किसी वार्षिक या नवीनीकरण शुल्क के मुफ्त में एटीएम या डेबिट कार्ड का उपयोग। हर साल कम से कम 25 पन्नों वाली चेकबुक मुफ्त में मिलेगी। इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग की सुविधा।  पासबुक या मासिक विवरण की सुविधा। बैंक खाताधारकों को एटीएम और दूसरे बैंक के एटीएम के लेनदेन सहित हर महीने न्यूनतम चार बार तक बिना किसी शुल्क के पैसे निकालने की अनुमति होगी। नए बदलाव 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे। बैंकों को यह छूट दी है कि वे चाहें तो इस बदलाव को इस तारीख से पहले भी अपना सकते हैं।  यह कदम कम मूल्य के जमा धारकों के लिए बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाकर वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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