
चेतना का शुद्ध होना अत्यंत आवश्यक : ब्रह्मचारी गिरीश जी
भोपाल (महामीडिया ) महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय समूह के अध्यक्ष वेद विद्या मार्तंड ब्रह्मचारी गिरीश जी के दो दिवसीय जन्मोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ "आदर्श भारत निर्माण" विषय पर दिनांक 24 अगस्त को आयोजित परिचर्चा से हुआ। दो दिवसीय कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित करके शुभारंभ करते हुए वेद विद्या मार्तंड ब्रह्मचारी गिरीश जी ने कहा कि परम पूज्य महर्षि महेश योगी जी के आदर्श भारत एवं अजेय भारत को अब सरकारों ने अपना लिया है। आदर्श भारत अभियान में 10 वर्षों के दौरान लाखों भारतीय नागरिक जुड़े हैं जिनको आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है। ज्ञान का गहराई में समावेश हो यही आदर्श भारत की पृष्ठभूमि है। महर्षि जी ने वर्ष 1982 में आदर्श भारत अभियान को शुरू किया था जिसमें सामाजिक विज्ञान से लेकर कृषि एवं लोक प्रशासन सहित समस्त क्षेत्रों को समाहित किया गया था। ब्रह्मचारी गिरीश जी ने आगे कहा कि राम राज्य की अवधारणा की प्रत्येक विषय वस्तु आदर्श भारत में समाहित है। महर्षि जी का कहना था कि केवल राष्ट्रीय कानून नहीं बल्कि प्राकृतिक नियमों का पालन हम सभी के लिए आवश्यक है इसलिए आदर्श भारत अभियान में प्राकृतिक न्याय को प्रमुखता के साथ शामिल किया गया है। अपनी बात आगे रखते हुए ब्रह्मचारी जी गिरीश जी का कहना था कि वेद को सृष्टि का संविधान कहा गया है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार इसका आधार है। इसमें समस्त वैदिक क्षेत्र अर्थात धर्म, संस्कृति, शिक्षा, प्रबंधन और प्रशासन जैसे सभी विषय शामिल हैं । महर्षि जी की इन्हीं संकल्पना को लेकर हम सभी को आदर्श भारत अभियान को आगे बढ़ाना है। इस अवसर पर अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि कल वेद विद्या मार्तंड ब्रह्मचारी गिरीश जी का जन्मदिन है इसलिए आज अग्रिम शुभकामनाएं आदर्श भारत योजना के शुभारंभ पर। महाराज जी का कहना था कि भारत वर्षों से एक राष्ट्र रहा है और हमारे वेदों में नैतिकता अत्यधिक कठोर है। हमारा धर्म,अधर्म एवं अशांति को मान्यता नहीं देता। यहां नदी के दो किनारे हैं एक समस्या है दूसरी ओर समाधान है और बीच में संत है। गांधी जी ने कहा था की राजनीति सेवा का माध्यम है किंतु नेता शासन करने आते हैं और उसको प्रशासन का नाम दे दिया जाता है। इस अवसर पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर जी का कहना था कि महर्षि जी एक छोटे से गांव में जन्म लेकर पूरी दुनिया में भारत के वैदिक ज्ञान की धर्म ध्वजा फहरा दी इसी तरह हमें सबसे पहले अपने वार्ड, अपने गांव एवं अपने शहर को आदर्श भारत बनाना होगा। यदि इंदौर के लोग स्वच्छता में परचम लहरा सकते हैं तो भोपाल वासी क्यों नहीं। इसके लिए हमें योग एवं कर्तव्यों पर अपना ध्यान केंद्रित करना होगा जिससे आदर्श भारत धरातल पर बनाया जा सकता है। इस अवसर पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि शंकर झा ने कहा कि महर्षि जी ने अच्छे भाव से आदर्श भारत की बात रखी थी जिसकी सोच पर आज पूरी दुनिया में कार्य हो रहा है। महर्षि संस्थान पहले से ही वैदिक शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में कार्य कर रहा है इसलिए आदर्श भारत का रोड मैप क्या होगा हमसे अच्छी तरह से महर्षि संस्थान का प्रबंध यह बता सकता है हम तो केवल साथ में चलने के लिए तैयार हैं। लेकिन एक बात महत्वपूर्ण है कि इसमें हमें महत्वपूर्ण मूलभूत अधिकारों के साथ-साथ मूलभूत कर्तव्यों को भी अपनाना होगा यह मैं अवश्य कह सकता हूं। इस अवसर पर सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय ने कहा कि आदर्श भारत का सपना महर्षि जी का था, महर्षि संस्थान का है और संपूर्ण भारत में इस पर कार्य किया जाएगा। इसलिए हम सभी लोगों को मिलकर महर्षि जी के सिद्धांतों के अनुरूप आदर्श भारत की स्थापना करनी होगी। उपाध्याय का कहना था कि मानव निर्मित समस्याएं लाइलाज नहीं है उनका समाधान केवल पांच वर्षों में किया जा सकता है। संविधान दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें सम और विधान अर्थात सभी के लिए सामान विधान है। अंग्रेजी में अंकल शब्द में चार रिश्तों को एक साथ समाहित कर लिया जाता है किंतु हम हिंदी में इन सभी के पृथक- पृथक उच्चारण और शब्द होते हैं। इसलिए हम सभी को आदर्श भारत की ओर पूरे मनोयोग के साथ आगे बढ़ना है और अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़ना है।
इसके पश्चात विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता एवं केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी, मध्य प्रदेश राज्य डेंटल परिषद के अध्यक्ष डॉ चंद्रेश शुक्ला। माइंड लॉजिक ग्रुप ऑफ कंपनी के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश अलंगोवन, वरिष्ठ रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अजात शत्रु श्रीवास्तव एवं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष कुमार, राष्ट्रीय गौ वंश आयोग के पूर्व सदस्य सुनील मानसिंह सहित ओजस फाउंडेशन के अध्यक्ष वैद्य मधुसूदन देशपांडे ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। आज कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वप्रथम महर्षि संस्थान की परंपरा अनुसार गुरु पूजन से प्रारंभ हुआ इसके पश्चात समस्त अतिथियों को शाल, पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया। इसके पश्चात परिचर्चा प्रारंभ हुई।
इस दो दिवसीय कार्यक्रम भोपाल के छान वार्ड स्थिति गुरुदेव ब्रह्मानंद सरस्वती आश्रम के "महर्षि उत्सव भवन" में संपन्न हो रहा है। इस संपूर्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम का लाइव प्रसारण रामराज टीवी के वेबसाइट, यूट्यूब एवं फेसबुक चैनलों पर भी किया जा रहा है।