पांढुर्णा के गोटमार मेला में अभी तक 488 लोग घायल

पांढुर्णा के गोटमार मेला में अभी तक 488 लोग घायल

छिंदवाड़ा [ महामीडिया ]  पांढुर्णा में परंपरा के नाम पर खूनी खेल आज शनिवार को एक बार फिर खेला जा रहा है। गोटमार मेला आज सुबह करीब 10 बजे शुरू हुआ। जाम नदी पर पांढुर्णा और सावरगांव की ओर से एक-दूसरे पर पत्थरों की बौछार हो रही है।  दोपहर 3.20 बजे तक 488 लोग घायल हुए हैं। छिंदवाड़ा से अलग हुआ पांढुर्णा जिला हर साल एक अनोखी प्रथा के लिए सुर्खियों में आता है। 17वीं शताब्दी में शुरू हुई परंपरा के लिए पांढुर्णा को दुनिया भर में जाना जाता है। यह परंपरा आम परंपराओं से बिल्कुल अलग है दरअसल, यहां स्थानीय त्योहार पोला मनाया जाता है। इसी के अगले दिन एक ‘खूनी खेल’ खेला जाता है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। पांढुर्णा की जाम नदी के किनारे पर एक विश्व प्रसिद्ध मेला लगता है। इसमें पांढुर्णा और सावरगांव के बीच एक बड़ी पुलिया पर दोनों गांव के लोग एक दूसरे पर पथराव करते हैं। इसमें हर साल सैंकड़ों लोग घायल होते हैं और कभी-कभी जान तक चली जाती है। इसे गोटमार मेला  कहते हैं।

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