
भारत में महिलाओं के निष्क्रिय बैंक खातों की संख्या बढ़ी
भोपाल [महामीडिया] भारत में एक तिहाई से अधिक बैंक खाते वर्ष 2021 से ‘निष्क्रिय’ हैं। अगर किसी बैंक खाते में एक साल तक जमा-निकासी या डिजिटल लेन देन नहीं होता है तो उसे निष्क्रिय माना जाता है। यह जानकारी वित्तीय समावेशन पर विश्व बैंक की रिपोर्ट में दी गई है। भारत में वर्ष 2021 में करीब 35 प्रतिशत बैंक खाते ‘निष्क्रिय’ थे। भारत के अलावा विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में औसतन 5 प्रतिशत निष्क्रिय बैंक खाते हैं। लिहाजा भारत में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में 7 गुना अधिक निष्क्रिय बैंक खाते हैं। रिपोर्ट ने इंगित किया है कि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में पुरुषों की तुलना में महिलाओं के निष्क्रिय बैंक खाते 5 प्रतिशत अधिक है। हालांकि भारत में महिलाओं और पुरुषों के निष्क्रिय बैंक खातों का अंतर 12 प्रतिशत है। भारत में महिलाओं के अधिक निष्क्रिय खाते (42 प्रतिशत) थे जबकि पुरुषों के बैंक खाते (30 प्रतिशत) कम थे।