आयुर्वेदिक दवाओं से होगा पशुओ का इलाज
भोपाल (महामीडिया): दुधारू पशुओं के इलाज में मनमाने ढंग से किए जा रहे एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल का असर इनका दूध पीने वाले लोगों पर पड़ रहा है। ऐसे में बीमार होने की स्थिति में लोगों पर एंटीबायोटिक दवाओं का असर लगातार कम हो रहा है। इसको देखते हुए अब पशुओं के इलाज में पहली बार वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति को शामिल किया जा रहा है।
इसके तहत पशुओं का इलाज आयुर्वेदिक दवाओं से किया जाएगा। पशुओं के इलाज के लिए भी स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट गाइडलाइन भी तैयार की जा रही है। यह जानकारी पशु पालन विभाग की ओर से मंगलवार को दी गई। एक होटल में आयोजित कार्यशाला में एंटीबायोटिक प्रतिरोधकता के बढ़ते वैश्विक खतरे से निपटने के प्लान पर चर्चा हुई।
दिल्ली से आईसीएसई की प्रोग्राम मैनेजर राजेश्वरी सिन्हा ने बताया कि गुजरात में बड़े स्तर पर आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग पशुओं के इलाज के लिए किया जा रहा है। इससे एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग और किसानों का दवाओं पर होने वाला खर्च भी कम हुआ है।
इससे किसानों की स्थिति में भी सुधार आ रहा है। राजेश्वरी ने बताया कि किसानों को यह समझाना जरूरी है कि पशुओं का इलाज कराने से बेहतर पशुओं के लिए ऐसा वातावरण तैयार करना है ताकि पशु बीमार नहीं पड़े। राहत की बात यह है कि किसान एंटीबायोटिक के उपयोग से हो रहे नुकसानों के बारे में समझ रहे हैं।