अंसल हाउसिंग पर साढ़े चार लाख का जुर्माना
भोपाल [ महामीडिया ] राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग की खंडपीठ ने 'अंसल हाउसिंग लिमिटेड' को निर्धारित अनुबंध अवधि के भीतर एक फ्लैट देने में विफलता के लिए सेवा में कमी के लिए उत्तरदायी ठहराया। आयोग ने कहा कि 'विमुद्रीकरण' और भूजल निकासी पर प्रतिबंध लगाने के अदालत के आदेश जैसे कारण देरी को सही ठहराने के लिए अपर्याप्त थे। राज्य आयोग ने माना कि बिल्डर निर्धारित अवधि के भीतर इकाई देने में विफल रहने से सेवा में कमी थी। इस प्रकार, राज्य आयोग ने बिल्डर को 6% ब्याज के साथ 96,46,580/- रुपये वापस करने का आदेश दिया। इसके अतिरिक्त, बिल्डर को मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए 4,00,000 रुपये और मुकदमेबाजी लागत के लिए 50,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया ।