कदंब एक औषधीय फल और सदाबहार वृक्ष
कटनी [ महामीडिया] कदंब का पेड़ दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाने वाला एक सुंदर और बड़ा सदाबहार पेड़ है. यह पेड़ विशेष रूप से अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है क्योंकि ये कई बीमारियों को दूर करने में मदद कर सकता है ।कदंब के फल या फूल ही नहीं बल्कि पूरा वृक्ष स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। यह शरीर में कैंसर कोशिकाओं को फैलने से भी रोकता है। कदंब का पेड़ शुगर टाइप 2 मरीजों के लिए रामबाण है , इसके पत्तों में मौजूद होता है मेथनॉलिक अर्क। भारत में कदंब के पेड़ों का इस्तेमाल किसी भी तरह के दर्द और सूजन से राहत दिलाने के लिए आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता रहा है. दर्द से राहत के लिए आप पत्तियों को एक कपड़े में प्रभावित जगह पर बांध सकते हैं. पेड़ की पत्तियों और छाल में एनाल्जेसिक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो दर्द को शांत करते हैं.प्राचीन समय में, त्वचा रोगों के इलाज के लिए एक एंटीमाइक्रोबॉयल एजेंट के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता था. इस दौरान इस पेड़ के अर्क का इस्तेमाल करके एक पेस्ट बनाया जाता था. इसका अर्क कई बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीमाइक्रोबॉयल एजेंट के रूप में भी काम करते हैं. कदम्ब या कदम का पेड़ को देव का वृक्ष माना जाता है। कदम्ब आयुर्वेद में अपने औषधीय गुणों के लिए बहुत ही मशहूर है। कदम्ब का स्वास्थ्यवर्द्धक गुण बहुत सारे रोगों के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है।कदम्ब की एक खास बात ये है कि इसके पत्ते बहुत बड़े होते है और इसमें से गोंद निकलता है । इसके फल नींबू की तरह होते हैं। कदम के फूलों का अपना अलग ही महत्व है। प्राचीन वेदों और रचनाओं में इन सुगन्धित फूलों का उल्लेख मिलता है। कटनी जिले के भदौरा ग्राम में कृष्णा राव कैंपस में इन वृक्षों की लंबी श्रंखला वर्ष अस्सी के आसपास से मौजूद है ।