औषधिगुणों  से भरपूर लाल भाजी

औषधिगुणों  से भरपूर लाल भाजी

मैहर [ महामीडिया] लाल भाजी (ऐमेरेन्थस डबियस) - ये पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है, इसकी डंठल में फाइबर्स अच्छी मात्रा में होते हैं, ये डाइजेशन को बेहतर बनाते हैं। इसमें आयरन भी होता है, जिससे ये खून की कमी को दूर करती है। इसमें मौजूद विटामिन ए और सी आंखों की रोशनी के लिए भी फायदेमंद है। सर्दियों के मौसम की सबसे अच्छी बात ये है कि आप सप्ताह के सातों दिन एक नई सब्जी से थाली की शान बढ़ा सकते हैं. भाजियां ही इतनी तरह की आ जाती हैं कि बाकी सब्जियों की गिनती ही नहीं हो पाती. पालक, मेथी, मूली की भाजी, सुआ की भाजी बस गिनते जाइए. हरी भरी भाजियों के बीच एक भाजी आती है जिसे कहते हैं लाल भाजी. वैसे तो लाल भाजी की गिनती हरी सब्जियों में ही होती है, पर इसकी रंगत के चलते इसे लाल भाजी कहा जाता है. जो कुछ कुछ पालक जैसी दिखती है. इन दोनों के स्वाद और खूबियों में जमीन आसमान का अंतर है. लाल भाजी? दरअसल चौलाई लाल और हरे रंग दोनों में आती है. आमतौर पर हरे रंग वाली भाजी को चौलाई के नाम से जाना जाता है. जबकि लाल चौलाई, लाल भाजी या लाल साग के नाम से ही प्रचलित है. सर्दियों में मिलने वाली चौलई ही लाल भाजी कहलाती है. इसे कुछ स्थानों पर तंदुलीय, अमरंथ भी कहा जाता है. पालक से मिलती जुलती होने की वजह से इसे रेड स्पिनेच भी कहते हैं. वैज्ञानिक नाम एमरेंथ डबियस है. सर्दियों में मिलने वाली हर भाजी कुछ न कुछ खूबी समेटे हुए है. उनसे तुलना करें तो लाल भाजी में खूबियों की खान नजर आएगी. ये विटामिन ए, सी, के जैसे विटामिन से भरपूर है लाल भाजी. साथ में फोलेट, राइबोफ्लेविन और कैल्शियम के गुण भी इसमें मौजूद हैं. लाल भाजी पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है. इसकी डंठल खाने की सलाह भी दी जाती है. जिसमें फाइबर्स अच्छी मात्रा में होते हैं. ये फाइबर्स डाइजेशन को बेहतर बनाते हैं. लाल भाजी में आयरन की मात्रा भी अच्छी होती है. जिससे ये खून की कमी की शिकायत को दूर करती है. आंखों की रोशनी और सेहत के लिए भी लाल भाजी फायदेमंद है. वजह है इसमें मौजूद विटामिन ए और सी. दस्त लगने पर लाल भाजी का सूप भी कारगर साबित होता है. इसके सूप से दस्त काफी हद तक कंट्रोल होते हैं. बाल मजबूत करने में भी लाल भाजी सक्षम है. इसके नियमित सेवन से आप अच्छे बाल हासिल कर सकते हैं. लाल भाजी खून में इंसुलिन लेवल को कंट्रोल करती है. इसका प्रोटीन इंसुलिन की मात्रा को काबू में रखता है. यही वजह है कि इससे वजन भी कम होता है. क्योंकि, ये शुगर नहीं बढ़ने देती. लाल भाजी खाने से कैंसर का खतरा भी काफी हद तक कम होता है. इसमें इतने अमीनो एसिड्स हैं. इसके अलावा आयरन भी है और मैग्नीशियम और फास्फोरस भी हैं जो आपकी इम्यूनिटी बूस्ट कर कैंसर सेल से लड़ने की ताकत देते हैं. गर्भवती माताएं अगर लाल भाजी का सेवन करती हैं तो इसका अच्छा असर गर्भ में पल रहे बच्चे के दिमाग पर पड़ता है. माना जाता है कि इससे शिशु की याददाश्त बढ़ती है.

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