नए नियमों से जीवन बीमा कम्पनियाँ प्रभावित
भोपाल [ महामीडिया] वित्त वर्ष की पहली तिमाही में निजी क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनियों ने बेहतर प्रदर्शन किया। लेकिन सरेंडर वैल्यू से जुड़े नए नियम इस उद्योग के कामकाज के तरीके में बदलाव को बढ़ावा देंगे। ऊंचे भुगतान को देखते हुए बीमा कंपनियों के निरंतरता पर ध्यान दिए जाने की संभावना है और उन्हें नए बिजनेस की वैल्यू के मार्जिन पर विपरीत प्रभाव से निपटना पड़ सकता है। ग्राहक जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा, कंपनियों को ऊंचे अपफ्रंट कमीशन ढांचे की समीक्षा करने के साथ-साथ ट्रेल कमीशन बढ़ाना होगा जिससे कि व्यवसाय को प्रोत्साहन मिले। उन्हें नॉन-पार प्रोडक्ट आईआरआर की भी समीक्षा करनी होगी और ग्राहकों की नकदी जरूरतें पूरी करने के लिए बीमा पर ऋण देने जैसी नई पेशकशों पर विचार करना होगा।एचडीएफसी लाइफ को समय से पहले पॉलिसी बंद होने पर ऊंची सरेंडर वैल्यू की वजह से वीएनबी मार्जिन पर 100 आधार अंक का सकल प्रभाव पड़ने का अनुमान है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ योजनाओं में ट्रेल/लेवल कमीशन ढांचों में पहले ही बदलाव कर चुकी है और कमीशन ढांचे में संशोधन की संभावना तलाश रही है। मैक्स लाइफ को यह प्रभाव 100-200 आधार अंक के दायरे में रहने का अनुमान है और वह वितरण विज्ञापनों के पुनर्गठन, तथा परिपक्वता और सरेंडर प्रस्तावों को पुनः संशोधित करके इस प्रभाव को कम करने की दिशा में काम कर रही है। एसबीआई लाइफ के प्रबंधन को मार्जिन पर ज्यादा प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है। कंपनी के कमीशन ढांचे में भी बदलाव की संभावना नहीं है।