तिली के औषधि गुण 

तिली के औषधि गुण 

भोपाल [ महामीडिया] हम सभी के घरों में तिल का इस्तेमाल तो होता ही है. आमतौर पर मीठी चीजों में ! सर्दियों के दौरान गुड़ के साथ इसका स्वाद बहुत पसंद आता है. तिल में सेसमीन नाम का एन्टीऑक्सिडेंट पाया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है. अपनी इस खूबी की वजह से ही यह लंग कैंसर, पेट के कैंसर, ल्यूकेमिया, प्रोस्टेट कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका को कम करता है इसके तेल से सब परिचित हैं। जाड़े की ऋतु में तिल के मोदक बड़े चाव से खाए जाते हैं। रंग-भेद से तिल तीन प्रकार का होता है, श्वेत, लाल एवं काला। आयुर्वेद में औषधि के रुप में काले तिलों से प्राप्त तेल अधिक उत्तम समझा जाता है। भारतवर्ष में तिल की प्रचुर मात्रा में खेती की जाती है। तिल (बीज) एवं तिल का तेल भारतवर्ष के प्रसिद्ध व्यावसायिक द्रव्य हैं।  तिल का प्रयोग मानसिक दुर्बलता को कम करता है, जिससे आप तनाव, डिप्रेशन से मुक्त रहते हैं। तिल का प्रयोग बालों के लिए वरदान साबित हो सकता है। तिल के तेल का प्रयोग या फिर प्रतिदिन थोड़ी मात्रा में तिलको खाने से, बालों का असमय पकना और झड़ना बंद हो जाता है।

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