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शलजम के औषधीय गुण
भोपाल [महामीडिया] शलजम एक सफेद कंदमूल वाली सब्जी है जो पौष्टिकता से भरपूर होने के कारण स्वास्थ्यवर्द्धक होता है। इसमें कैलोरी बहुत कम होता है इसलिए जो फिट रहना चाहते हैं उनके ही बहुत ही फायदेमंद है। लेकिन आयुर्वेद में शलजम को खाने के अलावा औषधि के रुप में भी उपयोग किया जाता है क्योंकि शलजम बहुत सारे बीमारियों से राहत दिलाने में सहायता करता है। वैसे तो शलगम एन्टीऑक्सिडेंट, मिनरल, फाइबर, विटामिन सी, कैल्शियम जैसे अनेक पौष्टिक गुणों का स्रोत है। इसलिए आयुर्वेद में शलगम का उपयोग अनेक बीमारियों के लिए औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता है। शलगम के जड़ तथा पत्ते का प्रयोग सलाद के रुप में तथा सब्जी के रुप में किया जाता है। इसके पत्ते मूली के पत्ते जैसे होते हैं। इसके फूल पीले रंग के होते हैं। इसकी जड़ कुंभरुपी, गोल, सफेद तथा हल्के बैंगनी व गुलाबी रंग की आभा से युक्त होती है। शलगम एक ऐसा सब्जी है जो ज्यादातर शीतकाल में ही पाया जाता है। आम तौर पर शलगम का सब्जी बनाकर ही खाया जाता है लेकिन इसका पत्ता बहुत ही कड़वा होता है पर आयुर्वेद में इसको औषधि के रुप में प्रयोग किया जाता है। शलजम मधुर, थोड़ा गर्म, छोटा तथा वात,पित्त और कफ को दूर करने वाला होता है। यह खाने में रुचि बढ़ाने वाला, पेट संबंधी समस्या तथा ज्वर में फायदेमंद होता है। इसका जड़ और पत्ता पित्त को बढ़ाने वाला, कृमि से निजात दिलाने वाला होता हैं। शलजम श्वास संबंधी समस्या, खांसी, अश्मरी अर्श या बवसीर, अरुचि व डिलीवरी के बाद के रक्तस्राव में हितकर होता है।