टमाटर का नियमित सेवन स्वस्थ दिनचर्या का आधार
भोपाल [ महामीडिया] टमाटर विश्व में सबसे ज्यादा प्रयोग होने वाली सब्जी है। इसका पुराना वानस्पतिक नाम लाइकोपोर्सिकान एस्कुलेंटम मिल है। वर्तमान समय में इसे सोलेनम लाइको पोर्सिकान कहते हैं। टमाटर के नियमित सेवन से अन्य रोग जैसे डायबिटीज, आंखों व पेशाब संबंधी रोगों, पुरानी कब्ज व चमड़ी के रोगों का उपचार होता है। इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। टमाटर से पाचन शक्ति बढ़ती है। इसमें साइट्रिक अम्ल और मैलिक अम्ल पाया जाता है इसलिए यह एंटासिड के रूप में काम करता है। टमाटर जितना देखने में अच्छा लगता है, उतना ही वह खाने में स्वादिष्ट भी है और स्वास्थ्यवर्द्धक भी। तभी को टमाटर का उपयोग सब्जी के रूप में करने के साथ-साथ सलाद और चटनी तथा सूप के रूप में बहुतायत में किया जाता है। टमाटर का इतिहास बहुत पुराना है। कहा जाता है कि 15वीं सदी में अमेरिका के रोलको द्वीप पर सबसे पहले यह फल देखने को मिला जिसकी खोज सर वाल्टर रेले द्वारा की गयी थी किन्तु उस समय लोगों ने इसे जहरीला फल समझा, इसलिए इसका उपयोग खाने के रूप में नहीं किया गया। यूरोप में टमाटर को बागवानी की साज बनाये रखने के लिए ही बोया जाता था। उस समय कुछ लोग इसे लव एपल कहा करते थे किन्तु अमेरिका में इसे टोमेटो नाम से ही पुकारा गया। भारत में टमाटर को लाने का श्रेय मैक्सिकोवासियों को जाता है। वे टमाटर को लव एपल के रूप में यहां लाए थे, लेकिन देशवासियों ने इसका स्वागत ‘विलायती बैंगन’ कहकर किया। कुछ लोगों ने इसके गुण-दोष से अनभिज्ञ होने के कारण इसे ‘अनजान फल’ भी कहा। जैसे-जैसे टमाटर के गुण-दोष का पता चलता गया, वैसे-वैसे टमाटर भारतीयों के लिए रसोई की शान बन गया। आज देशभर में व्यापक स्तर पर टमाटर की खेती होती है और लोग बड़े चाव से कभी विलायती बैंगन रहे टमाटर को खाते हैं।इसके खट्टे स्वाद का कारण यह है कि इसमें साइट्रिक एसिड और मैलिक एसिड पाया जाता है जिसके कारण यह प्रत्यम्ल (एंटासिड) के रूप में काम करता है। टमाटर में विटामिन 'ए' काफी मात्रा में पाया जाता है। यह आँखों के लिये बहुत लाभकारी है। टमाटर खट्टा-मीठा, पाचक, शक्तिवर्द्धक और रुचिवर्द्धक होने के साथ ही अतिसार, उदर रोग व मोटापा रोकने में औषधि का काम करता है। इसमें लौह तत्व की मात्रा दूध से दोगुनी व अंगूर, मौसमी, तरबूज, खरबूजा आदि फलों से ज्यादा पायी जाती है। टमाटर में कैल्शियम, चूना, गंधक, सायट्रिक एसिड इत्यादि तत्व भी बहुतयात में पाये जाते हैं। टमाटर जहां विटामिनों का खान है, वहां स्वाद का राजा भी है जो भूख बढ़ाने में सहयोग करता है। टमाटर का सेवन करने से कब्ज दूर होती है, रक्त विकार से मुक्ति मिलती है व बेरी-बेरी, गठिया, सूखा, एक्जिमा जैसे रोगों में रामबाण औषधि के रूप में टमाटर की पहचान है। टमाटर खाने वालों को मधुमेह, नजला, जुकाम, दांतों की बीमारी व रक्तस्राव जैसी बीमारियां भी नहीं घेरती। साथ ही यह नेत्र रोगों को भगाने का भी रामबाण नुस्खा है। लेकिन अधिक मात्रा में टमाटर का सेवन करने से कई बार गंभीर रोग भी हो जाते हैं जिसमें कैंसर, पथरी, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, कमर में दर्द तथा प्रदर रोग इत्यादि शामिलर हैं इसलिए संतुलित मात्रा में नियमित टमाटर का सेवन किया जाना जहां स्वास्थ्यवर्ध्दक है, वहीं टमाटर का अत्यधिक मात्रा में सेवन किया जाना कष्टकारक भी बन सकता है।