नईदिल्ली [ महामीडिया] चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने जिला न्यायिक अधिकारियों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर खुलकर चर्चा करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, क्योंकि उनके सामने काम का बहुत ज़्यादा दबाव है। चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट में 'नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियरी' के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। अपने संबोधन में चंद्रचूड़ ने इस बात पर ज़ोर दिया कि विभिन्न मामलों और पक्षों के भावनात्मक बोझ से निपटने वाले न्यायिक अधिकारियों को अपने पेशेवर काम को मानसिक स्वास्थ्य के साथ संतुलित करने की भी ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। इस पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय सम्मेलन में जिला न्यायिक अधिकारियों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को शामिल करने से कार्य-जीवन संतुलन पर स्वस्थ विचार-विमर्श में मदद मिलेगी।