
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम पर महत्वपूर्ण फैसला
नई दिल्ली [महामीडिया] सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध करने के लिए गैर-सरकारी कर्मचारी को भी दोषी ठहराया जा सकता है खासकर तब जब वह सरकारी कर्मचारी को उसके नाम पर आय से अधिक संपत्ति जमा करने में सहायता करता हो। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने इस प्रकार एक पूर्व सरकारी कर्मचारी की पत्नी को अपने पति को आय से अधिक संपत्ति जमा करने के लिए उकसाने के लिए दोषी ठहराए जाने के फैसले को बरकरार रखा।