
दुनिया का सबसे ताकतवर इंटेलिजेंस नेटवर्क फाइव आइज
भोपाल [महामीडिया] फाइव आइज जैसा नाम से साफ है कि यह पांच देशों का एक संगठन है। इसके मेंबर एक दूसरे के साथ खुफिया इनपुट साझा करते हैं और कई मामलों में साथ मिलकर भी काम करते हैं। इसमें अमेरिका और उसके सहयोगी कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड हैं। फाइव आइज को दुनिया का सबसे ताकतवर इंटेलिजेंस नेटवर्क भी माना जाता है। इस अलायंस का सबसे बड़ा मकसद आतंकवाद को रोकना और नेशनल सिक्योरिटी के लिए काम करना है। जर्मनी-जापान को रोकने के लिए हुई फाइव आइज की शुरुआत फाइव आइज अलायंस की शुरुआत दूसरे विश्व युद्ध के समय हुई। अमेरिका और ब्रिटेन के बीच 1943 में ब्रिटिश-US कम्युनिकेशन इंटेलिजेंस एग्रीमेंट हुआ। यह तय हुआ कि दोनों देशों के कोड-ब्रेकर्स साथ मिलकर जर्मनी और जापान के कम्युनिकेशन कोड्स को तोड़ने का काम करेंगे।दोनों देशों ने एक-दूसरे के साथ इंटेलिजेंस इनपुट साझा करना शुरू किया। जंग में उन्हें इस का फायदा भी मिला। जंग जीतने के बाद अमेरिका-ब्रिटेन ने इस अलायंस को जारी रखने का फैसला किया।साल 1946 में इस एग्रीमेंट को नया नाम- UKUSA एग्रीमेंट दिया गया। साल 1949 में कनाडा भी इससे जुड़ गया। इसके बाद 1956 में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया भी इसमें शामिल हो गए। इसके बाद इसका नाम फाइव आइज पड़ा। फाइव आइज में जुड़ीं 20 से ज्यादा एजेंसियां फाइव आइज अलायंस कंट्रीज अपने पार्टनर के इंट्रेस्ट को ध्यान में रखते हुए काम करती हैं और एक दूसरे के लिए इंटेलिजेंस इनपुट जुटाती हैं। इसमें सभी सदस्य देशों की 20 से ज्यादा एजेसियां जुड़ी हुई हैं।कई दशकों तक यह अलायंस गुप्त तौर पर काम करता रहा। 55 साल तक दुनिया की नजरों से गायब रहा साल 1999 तक किसी भी सदस्य देश ने इस अलायंस के होने का खुलासा नहीं किया था। पहली बार साल 2010 में फाइव आइज से जुड़े एग्रीमेंट को सार्वजनिक किया गया। फाइव आइज का सचिवालय अमेरिका में है।