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न्यायपालिका की स्वतंत्रता से समझौता नहीं होगा : चीफ जस्टिस गवई
नई दिल्ली [महामीडिया] चीफ जस्टिस बी.आर.गवई ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कॉलेजियम सिस्टम की आलोचना हो सकती है लेकिन किसी भी व्यवस्था में न्यायपालिका की स्वतंत्रता से समझौता नहीं होना चाहिए। न्यायाधीशों को किसी भी बाहरी दबाव से मुक्त रहना चाहिए। भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने हाल ही में लंदन में यूके सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित एक राउंडटेबल में एक अहम मुद्दे पर खुलकर बात की । मुख्य न्यायाधीश ने बताया कि 1993 तक सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति का अंतिम फैसला सरकार के हाथ में होता था। इस दौरान दो बार सरकार ने सबसे सीनियर जज को दरकिनार करके किसी और को चीफ जस्टिस बना दिया था।