मानसिक बीमारियों का समय पर इलाज जरुरी 

मानसिक बीमारियों का समय पर इलाज जरुरी 

सिडनी  [ महामीडिया] किसी भी तरह की मानसिक बीमारियों का होना वास्तव में हमारे सामान्य जीवन के लिए घातक हो सकता है। यदि समय पर किसी मनोरोग विशेषज्ञ को नहीं दिखाया जाता है तो यह जीवनभर के लिए बड़ी समस्या बन सकती है। 
क्या है सीज़ोफ्रेनिया रोग
सिज़ोफ्रेनिया एक ऐसा मनोरोग है जिससे पीड़ित व्यक्ति की सोच, समझ और व्यवहार में कई तरह के परिवर्तन दिखने लगते हैं। सिज़ोफ्रेनिया का रोगी बिना किसी वजह, हर बात पर किसी भी व्यक्ति पर शक करता है। अपनी दुनिया में खोया रहता है और कई बार उसे ऐसी आवाजें सुनाई देती हैं, जो वास्तव में होती ही नहीं हैं। इसके अतिरिक्त उसे हमेशा यही लगता है कि उसके खिलाफ कोई साजिश कर रहा है या उसके साथ कोई गलत कर रहा है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को दूसरों की अच्छी बात या सलाह झूठ ही लगती है और वो हमेंशा एक ही बात मानकर चलता हैं। रोगी यह मानने के लिए भी तैयार नहीं होता है कि उसे कोई मानसिक बीमारी है। यहां तक कि मरीज को ऐसा लगता है जैसे कोई बाहरी शक्ति उस पर नियंत्रण कर रही है लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता है।
इन लक्षणों को न करें नज़रअंदाज़
सीज़ोफ्रेनिया रोग में कई तरह के लक्षण नज़र आ सकते हैं जिसमें अकेले में रहना पसंद करना, अपने आप से बातें करना, लोगों से दूरी बनाकर रहना और लोगों के बीच रहकर कार्यक्षमता खो देना, थोडी-थोडी देर में मूड बदलना, डिप्रेशन के लक्षण दिखना, शरीरिक रुप स सुस्त रहना, भ्रम की स्थिति में रहना और अजीब चीजें महसूस करना और अजीब आवाज़ें सुनाई देना, साफ-सफाई का ध्यान न रखना आदि सभी शामिल हैं। यह भी देखा गया है कि सिज़ोफ्रेनिया के अधिकांश मरीज स्मोक करते हैं जो कि उनके लिए अधिक घातक हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति में इनमें से कोई भी लक्षण नज़र आते हैं तो तुरंत ही ऐसे अस्पताल को चुनें, जहां डॉक्टरों की 24 घंटे उपलब्धता की सुविधा दी गई हो जिससे विशेषज्ञों की निगरानी में सफल इलाज मिल सके।
सीज़ोफ्रेनिया के कारण
सिज़ोफ्रेनिया बीमारी के कई कारण हो सकते हैं जिसमें एक डोपामिन हाइपोथिसिस में देखा गया है कि ऐसे मनोरोगी के दिमाग में डोपामिन नामक पदार्थ ज्यादा रिसता है इस वजह से इन्हें यह सारे लक्षण दिखाई देते हैं। इसके अन्य कारणों में किसी व्यक्ति की फैमिली हिस्ट्री में आनुवांशिक रुप से यह रोग हुआ हो तो संभवत: उसे यह रोग होने की आशंका हो सकती है।  
समय पर दिखाने पर मिलेगा सही इलाज
डॉक्टर का मानना है कि सिज़ोफ्रेनिया की बीमारी पूरी तरह से ठीक नहीं की जा सकती है, लेकिन समय पर लक्षणों की पहचान होने पर दवाओं और थेरेपी से इसे नियंत्रित अवश्य किया जा सकता है। भारत में इलेक्ट्रो कन्वर्सिव थेरेपी जैसी तकनीक के द्वारा अधिकतर रोगियों का उपचार किया जाता है। वहीं कम लक्षणों वाले रोगियों को सही दवा देकर नियंत्रित किया जा सकता है।
 

सम्बंधित ख़बरें