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अंतरराष्ट्रीय वन मेला शुरू, महर्षि स्टॉल आकर्षण का केंद्र
भोपाल (महामीडिया): भोपाल में आज से 11वा अंतरराष्ट्रीय वन मेला शुरू हों रहा हैं इसका उट्घाटन शाम शाम पांच बजे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। लाल परेड ग्राउंड में आयोजित यह मेला 17 से 23 दिसंबर तक ‘समृद्ध वन खुशहाल जन’ थीम के साथ आयोजित किया जा रहा है। इसका आयोजन वन विभाग एवं मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित के संयुक्त तत्वावधान में हो रहा है। मेले में 350 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे, जिनमें वनोपज, जड़ी-बूटियाँ, पारंपरिक खाद्य पदार्थ, आयुर्वेदिक उत्पाद और औषधीय वनस्पतियाँ प्रदर्शित एवं बिक्री के लिए उपलब्ध होंगी। इन स्टॉलों में महर्षि संस्थान का स्टॉल आकर्षण का केंद्र रहेगा, जो अपने महा नेचर एंड महा हर्बल के प्रोडक्ट्स की बड़ी और भरोसेमंद रेंज की वजह से हर साल चर्चा का विषय रहती हैं। आज शुभारंभ के खास मौके पर महर्षि संसथान के प्रमुख ब्रह्मचारी गिरीश जी भी महा हर्बल और महा नेचर के सदस्यों के साथ मेला क्षेत्र पर उपस्थित होंगे।
महा हर्बल और महा नेचर के प्रोडक्ट्स ऐसे हैं जो हमारे इस्तेमाल के लिए प्रकृति में आसानी से मिलने वाली चीज़ों से बने होते हैं, जैसे लकड़ी, पौधे, जड़ी-बूटियाँ और दूसरे इकोलॉजिकली सोर्स वाले मटीरियल। महा हर्बल और महा नेचर के ज़्यादातर प्रोडक्ट्स हाथ से बने होते हैं या बिना प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्रीज़ में बनाए जाते हैं। सभी प्रोडक्ट्स शुद्ध सात्विक भोजन, कपड़े (कॉटन और सिल्क), सजावटी और घर के दूसरे सामानों के इस्तेमाल से आपकी जीवनशैली को नया रूप दे सकते हैं। आप हर्बल हेल्थ केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करके अपनी सेहत को फिर से तरोताज़ा कर सकते हैं और कई बीमारियों से बच सकते हैं।
सभी प्रोडक्ट्स केमिकल-फ्री, प्राकृतिक रूप से बने और प्राकृतिक संसाधनों वाले होते हैं जिन्हे एक बार अपनानाने से आपका धीरे-धीरे तनाव, थकान, बेचैनी, असहिष्णुता और अशांति को खत्म होने लगेगी और आपके जीवन में प्यार, जुनून, स्वास्थ्य और खुशी वापस आ जाएगा । इससे आखिरकार समाज, शहर, राज्य, देश, पूरी दुनिया से अपराध और आतंकवाद खत्म हो जाएगा और इंसानियत में सद्भाव आएगा और यह दुनिया आने वाली पीढ़ियों के लिए एक शांतिपूर्ण और प्यार भरी जगह बनेगी।
मेले के उद्घाटन कार्यक्रम में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार, अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वीएन अंबाडे और प्रबंध संचालक डॉ. समीता राजौरा उपस्थित रहेंगे।
मेला सात दिनों तक विविध सांस्कृतिक और शैक्षणिक कार्यक्रमों से सजा रहेगा। इसमें पारंपरिक नृत्य, सोलो एवं समूह गायन, योगा-शो, कथक नृत्य, नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता, फैंसी ड्रेस एवं सोलो एक्टिंग, ध्रुपद गायन, कबीर वाणी, लोक नृत्य, फ्लैश मॉब, इंस्ट्रूमेंटल प्रस्तुति, पारंपरिक वैद्य कार्यशाला और ऑर्केस्ट्रा जैसी प्रस्तुतियां शामिल हैं। 23 दिसंबर को मेला समापन समारोह, पुरस्कार वितरण और पारंपरिक नृत्य के साथ संपन्न होगा।