विद्युत अधिनियम विधेयक सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी

विद्युत अधिनियम विधेयक सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी

भोपाल [महामीडिया] केंद्र सरकार ने आज विद्युत अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। इसमें अनिवार्य लागत-प्रतिबिंबित शुल्क लागू करने, उद्योगों के लिए बिजली की ऊंची दरों को कम करने और रेलवे प्रणालियों तथा विनिर्माण कंपनियों को क्रॉस-सब्सिडी के बोझ से छूट प्रदान करने का प्रस्ताव है। अ​धिनियम में संशोधन का उद्देश्य मजबूत और दूरदर्शी कानूनी ढांचा तैयार करना है जो  घाटे का सामना कर रही बिजली वितरण कंपनियों के वित्तीय दबाव को दूर करेगा, उच्च औद्योगिक शुल्कों पर लगाम लगाएगा तथा स्वच्छ ऊर्जा अपनाए जाने को बढ़ावा देगा। सार्वजनिक परामर्श के लिए आज जारी किए गए मसौदा विधेयक में राज्य विद्युत नियामक आयोगों को स्वतः संज्ञान पर शुल्क निर्धारित करने का अधिकार देने का भी प्रस्ताव है। इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संशोधित दरें प्रत्येक वित्त वर्ष की एक अप्रैल से लागू किए जाएं जिससे बिजली क्षेत्र में समग्र वित्तीय अनुशासन में सुधार होगा। विधेयक में कहा गया है कि उच्च औद्योगिक शुल्क, क्रॉस-सब्सिडी और बिजली की बढ़ती खरीद लागत ने भारतीय उद्योग, विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों की प्रतिस्पर्धात्मकता को कमजोर कर दिया है। 

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