मुख्य न्यायाधीश ने डिजिटल युग में लड़कियों को सबसे ज्यादा असुरक्षित बताया

मुख्य न्यायाधीश ने डिजिटल युग में लड़कियों को सबसे ज्यादा असुरक्षित बताया

नई दिल्ली [महामीडिया] मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने आज शनिवार को कहा कि डिजिटल दौर में लड़कियां नई तरह की परेशानियों और खतरों का सामना कर रही हैं। तकनीक सशक्तिकरण नहीं शोषण का जरिया बन गई है। गवई ने कहा संवैधानिक गारंटी होने के बावजूद देश की कई लड़कियों को अब भी बुनियादी अधिकारों और सम्मान से वंचित रखा जाता है। यह स्थिति उन्हें यौन शोषण, मानव तस्करी, बाल विवाह और भेदभाव की परिस्थितियों में धकेल देती है। गवई राष्ट्रीय सम्मेलन ‘सेफगार्डिंग द गर्ल चाइल्ड’ में बोल रहे थे। इस अवसर पर जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि एक लड़की तभी बराबर की नागरिक मानी जा सकती है, जब उसे वही अवसर, संसाधन और सम्मान मिले जो एक लड़के को मिलते हैं। अपनी बात आगे रखते हुए जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि हर लड़की का अधिकार है कि वह भय और भेदभाव से मुक्त होकर शिक्षा, स्वास्थ्य और समान अवसरों के साथ आगे बढ़ सके। कार्यक्रम में जस्टिस बीवी नागरत्ना, जस्टिस जेबी पारदीवाला और यूनिसेफ की प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ्री भी   उपस्थित थीं।

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