भोपाल [ महामीडिया] आज के दिन शाम के समय प्रदोष काल में गेहूं के आटे से एक दीपक बनाएं, फिर चार बत्ती तैयार करें और उसे दीपक में रखें और उसमें सरसों का तेल डालें। इसके बाद दीपक के चारों ओर गंगाजल छिड़कें। इसके पश्चात घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में उसे रख दें। दीपक के नीचे कोई अनाज जरूर रखें। यम का दीपक हिंदुओं के बीच बड़ा धार्मिक महत्व रखता है। यह दिन पूरे देश में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।यम इस शुभ दिन पर पूजे जाने वाले देवताओं में से एक हैं। इस दिन प्रदोष काल के दौरान लोग चार मुखी दीया जलाते हैं और वह दक्षिण दिशा की ओर रखते हैं, जो यम देव को समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग यह चार मुखी दीया जलाते हैं, उन्हें मृत्यु के भय से राहत मिलती है, क्योंकि भगवान यम उनकी रक्षा करते हैं और उन्हें लंबे जीवन और कल्याण का आशीर्वाद देते हैं। इसके अलावा इससे अकाल मृत्यु से भी बचा जा सकता है। बता दें, छोटी दीवाली एकमात्र दिन है, जब लोग मृत्यु के देवता, भगवान यम की पूजा करते हैं। यम दीपक यमराज को समर्पित करते हुए जलाया जाता है इसलिए इसकी सही दिशा दक्षिण दिशा मानी जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिशा को यम की दिशा माना गया है। धनतेरस के दिन इस दिशा में दीपक जलाने से यम राज आपके परिवार की अकाल मृत्यु से रक्षा करते हैं और अपनी बुरी दृष्टि आपके घर पर नहीं डालते हैं।