धर्म : जगन्नाथ मंदिर के दरवाजे धर्म और ज्ञान के प्रतीक

धर्म : जगन्नाथ मंदिर के दरवाजे धर्म और ज्ञान के प्रतीक

भोपाल [महामीडिया] धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान जगन्नाथ को जगत के पालनहार भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। जगन्नाथ मंदिर ओडिशा पुरी में है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ को समर्पित है।मंदिर में भक्त प्रभु के दर्शनों के लिए दूर-दूर से आते हैं। इस मंदिर में 4 मुख्य  दरवाजे हैं जिन्हें बेहद रहस्यमयी माना जाता है। यह दरवाजे अलग-अलग दिशाओं में स्थित हैं। जगन्नाथ मंदिर के दरवाजों को सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलयुग, धर्म और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है।

सिंह द्वार- मंदिर के पहले दरवाजे को सिंह द्वार के नाम से जाना जाता है। इस द्वार का मुख पूर्व दिशा की तरफ है। इसी द्वार से लोग मंदिर में प्रवेश करते हैं। सिंह द्वार को मोक्ष का द्वार भी कहा जाता है।  

अश्व द्वार- यह द्वार दक्षिण दिशा में स्थित है। इसे विजय द्वार के नाम से जाना जाता है। ऐसा बताया जाता है की इस द्वार का इस्तेमाल युद्ध में जीत की कामना के लिए करते थे।  

व्याघ्र द्वार- तीसरे द्वार को व्याघ्र द्वार कहा जाता है। इस द्वार को धर्म और इच्छा का प्रतीक माना गया है। यह द्वार उत्तर दिशा में स्थित है।

हस्ति द्वार- जगन्नाथ मंदिर के आखिरी द्वार को हाथी का प्रतीक माना जाता है। इस द्वार पर गणपति बप्पा विराजमान हैं। यह द्वार पश्चिम दिशा में है।

 

सम्बंधित ख़बरें