महाकुंभ में पहली बार कन्या बटुकों की दिव्य आरती

महाकुंभ में पहली बार कन्या बटुकों की दिव्य आरती

प्रयागराज [ महामीडिया]  महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर संगम तट की पवित्र भूमि युवा कन्या बटुकों ने प्रतिदिन होने वाली संध्याकालीन आरती की परंपरा को नई ऊर्जा दी है। इन बालिकाओं द्वारा आरती की अगुवाई न केवल सनातन संस्कृति की गहराई को दर्शाती है बल्कि नारी सशक्तिकरण का एक प्रेरणादायक प्रतीक भी बन गई है।कुंभ के इतिहास में पहली बार, कन्या बटुकों को संगम पर आरती का नेतृत्व करते हुए देखा जा रहा है। कन्याओं को देवी का स्वरूप माना जाता है, जिनकी पवित्रता और तेज से आध्यात्मिक अनुष्ठानों की शुद्धता बढ़ती है।सोशल मीडिया पर इन कन्याओं की आरती के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं जिनमें वे सफेद वस्त्रों में डूबते सूरज की लालिमा के बीच दीपों से संगम को आलोकित करती नजर आ रही हैं। आरती के दौरान मंत्रोच्चार और घंटियों की ध्वनि के साथ हजारों श्रद्धालु “हर-हर गंगे” का जयघोष करते हैं।

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