
सुप्रीम कोर्ट सिर्फ राष्ट्रपति के मामले में संविधान की व्याख्या करेगा
मुंबई [महामीडिया] सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को कहा है कि वह संविधान की व्याख्या सिर्फ राष्ट्रपति के मामले में करेगा, किसी राज्य या व्यक्ति से जुड़े अलग-अलग मामलों में नहीं। कोर्ट ने यह टिप्पणी राज्य सरकार द्वारा भेजे बिलों पर राज्यपालों और राष्ट्रपति के साइन करने के लिए डेडलाइन लागू करने वाले मामले में की। दरअसल मई में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट से पूछा था कि क्या अदालत राज्यपालों और राष्ट्रपति को बिलों पर फैसला करने के लिए समय-सीमा तय कर सकती है। इस पर मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने कहा- हम अलग-अलग राज्यों के मामलों पर चर्चा नहीं करेंगे, बल्कि केवल संविधान की धाराओं को देखेंगे।