फिल्म इंडस्ट्री में अनुबंधों की परम्परा

फिल्म इंडस्ट्री में अनुबंधों की परम्परा

मुंबई [ महामीडिया] फिल्म इंडस्ट्री में हर एक्टर और प्रोडक्शन हाउस के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट बनता है जो उनके काम से जुड़ी हर बात तय करता है। यह कॉन्ट्रेक्ट सिर्फ फीस तक सीमित नहीं रहता है। इसमें उनके काम के घंटे, शूटिंग की शर्तें और उनकी इमेज से जुड़ी बातें भी शामिल होती हैं। कॉन्ट्रैक्ट में पेमेंट के अलावा इस बात का भी जिक्र होता है कि एक्टर्स को शूटिंग के दौरान किस तरह के मेकअप रूम की सुविधा दी जाएगी। अगर शूटिंग आउटडोर है तो वैनिटी वैन सिंगल डोर वाली होगी या डबल डोर वाली। यह इस बात पर निर्भर करता है कि एक्टर कौन है?अगर शूटिंग के लिए मुंबई से कहीं बाहर जाना है तो प्रोडक्शन हाउस की तरफ से कार, ट्रेन और फ्लाइट से आने जाने की सुविधा होगी। किस एक्टर को फाइव स्टार होटल में ठहराया जाएगा और किसे नॉर्मल होटल में, यह भी कॉन्ट्रैक्ट में लिखा होता है।कॉन्ट्रैक्ट में पेमेंट के अलावा यह भी लिखा होता है कि एक्टर 6 घंटे, 8 घंटे या 12 घंटे में शूटिंग के लिए कितना समय देगा। पेमेंट कितने दिन और कितने पार्ट में दिया जाएगा, कॉन्ट्रैक्ट में इसका भी जिक्र होता है। इन सबके के अलावा नो प्रेग्नेंसी क्लॉज, नोटिस पीरियड क्लॉज का भी जिक्र होता है। फिल्म ‘खलनायक' की शूटिंग के दौरान सुभाष घई को लगा कि अगर उनकी फिल्म के बीच में ही माधुरी ने शादी कर ली या फिर वो प्रेग्नेंट हो गईं तो वो उनकी फिल्म बीच में छोड़कर चली जाएंगी। यही सोचकर सुभाष घई ने माधुरी से 'नो प्रेग्नेंसी' क्लॉज साइन करवाया था। 

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