उज्जैन में ब्रह्माजी के मंदिर का प्रमाण मिला
भोपाल [ महामीडिया] उज्जैन में मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पर भी ब्रह्माजी का मंदिर होने के प्रमाण मिले हैं। जानकारों का मानना है कि शिप्रा के तट पर ब्रह्माजी का विशाल मंदिर रहा होगा। आक्रांताओं ने आक्रमण कर मंदिर को क्षतिग्रस्त किया होगा। कालांतर में घाट के क्षेत्र के जीर्णोद्धार के समय मंदिर के भग्नावशेष तथा ब्रह्माजी की मूर्ति को यहां स्थापित किया गया होगा। समृद्ध शिल्प व मूर्ति कला के प्रमाण रामघाट स्थित सीढ़ियों पर भगवान ब्रह्मा तथा अग्निदेवता की मूर्तियों के रूप में मिलते हैं। यह दोनों मूर्तियां परमार काल की होकर एक हजार साल पुरानी है। चतुर्मुख ब्रह्मा की यह मूर्ति उच्चकोटी की है। ब्रह्मा के पास में ही अग्नि देवता का भी स्थान दिखाई देता है, यह इस बात का प्रतीक है। यजुर्वेद में ऐसा कहा गया है कि ब्राह्मण का मुख अग्निमुख है और ब्राह्मण ब्रह्मा का ही प्रतिनिधित्व करते हैं। उज्जैन के रामघाट पर सीढ़ीयों की दीवार पर स्थित ब्रह्माजी की मूर्ति।