गुड़ी पड़वा पर्व में नीम की पत्तियां खाकर दिन की शुरुआत करनी चाहिए

गुड़ी पड़वा पर्व में नीम की पत्तियां खाकर दिन की शुरुआत करनी चाहिए

भोपाल  [ महामीडिया ] चैत्र का महीना शुरू हो चुका है. हिंदू कैलेंडर का पहला महीना चैत्र होता है जबकि अंतिम माह फाल्गुन होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो जाती है. इसी के साथ नया विक्रम संवत 2080 भी शुरू हो जाएगा. चैत्र माह को मधुमास के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू कैलेंडर के हर एक महीने का नाम नक्षत्रों के नाम पर होता है. चित्रा नक्षत्र की पूर्णिमा के कारण इस महीने को चैत्र का महीना कहा जाता है. हिंदू नववर्ष का पहला महीना बहुत ही खास माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ब्रह्मा जी ने इसी माह के शुक्ल प्रतिपदा तिथि से सृष्टि की रचना करने की शुरुआत की थी.नया हिंदू कैलेंडर विक्रम संवत की शुरुआत चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है और इसी दिन से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है जिसमें लगातार 9 दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा-उपासना की जाती है. इसके अलावा इसी चैत्र माह की इसी शुक्ल प्रदिपदा तिथि पर ही भगवान राम का राज्याभिषेक, युधिष्ठिर का राज्याभिषेष और सिख धर्म के दूसरे गुरु अंगद देव का जन्म हुआ था.इसे अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है. ईरान में इस तिथि को नौरोज यानी नया वर्ष के रूप में मनाया जाता है. आंध्र प्रदेश में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि को उगादि नाम के पर्व के रूप में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. अगादिका का मतलब होता है युग का प्रारंभ. यानी ब्रह्मा जी के द्वारा सृष्टि रचना का पहला दिन.चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि को पंजाब में बैसाखी, महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा, सिंध में चेतीचंड, केरल में विशु, असम में बिहू और जम्मू कश्मीर में नवरेह के रूप में नए वर्ष की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है.चैत्र महीने में नीम के पत्ते का सेवन करने का विशेष महत्व होता है. नीम के पत्ते खाने से शरीर में बहने वाला रक्त शुद्ध होता है और कई तरह की बीमारियों से व्यक्ति का बचाव होता है. चैत्र के महीने में गौ दान करने विशेष फलदायी होता है. चैत्र माह देवी-देवताओं की प्रतिष्ठा के लिए बहुत शुभ माना जाता है. इसके अलावा चैत्र महीने में गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए.

सम्बंधित ख़बरें