दुनिया का सबसे बड़ा अंगकोर वाट मंदिर
भोपाल [ महामीडिया ] भारत अपनी पहचान और संस्कृति के लिए जाना जाता है, धीरे- धीरे भारत की संस्कृति दुनिया भर में फैल रही है। साथ ही इसकी पुरातन संस्कृति की झलक पूरे विश्व में देखने को मिलती है। जिसका एक उदाहरण कंबोडिया के मध्य में स्थित अंगकोर वाट मंदिर है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कहा जाता है। अंगकोर वाट मंदिर मुख्य रूप से भगवान श्री विष्णु को समर्पित था, लेकिन बाद में यह एक बौद्ध मंदिर बन गया। मंदिर के मध्य भाग में कमल के आकार की पांच मीनारें हैं, जो सनातन धर्म की खूबसूरती को दर्शाती हैं। साथ ही हिंदू और बौद्ध मान्यताओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। इसकी दीवारों पर भी हिंदू और बौद्ध इतिहास की कहानियों की झलक मिलती हैं। अंगकोर वाट मंदिर की न सिर्फ डिजाइन प्रभावशाली है, बल्कि यह सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा यह एक सक्रिय धार्मिक स्थान है, जहां बौद्ध भिक्षु ध्यान और प्रार्थना करने के लिए आते हैं।अंगकोर वाट के टावरों पर सूर्योदय देखने को मिलता है, जो गुलाबी, नारंगी और सोने जैसे रंगों से वहां की खूबसूरती को बढ़ाता है। साथ ही यह मंदिर कंबोडिया के समृद्ध और खुशहाल इतिहास का प्रतीक है। साथ ही यह इटली के पोम्पेई को पछाड़कर दुनिया का आठवां अजूबा भी बन गया है। यह कम्बोडिया के अंकोर में है जिसका पुराना नाम 'यशोधरपुर' था। इसका निर्माण सम्राट सूर्यवर्मन द्विती के शासनकाल में हुआ था। यह एक बौद्ध मंदिर है। मीकांग नदी के किनारे सिमरिप शहर में बना यह मन्दिर आज भी संसार का सबसे बड़ा मन्दिर है जो सैकड़ों वर्ग मील में फैला हुआ है।