माँ कामाख्या के निर्माण को अभी तक मंजूरी नहीं
भोपाल [ महामीडिया] असम सरकार ने हाल ही में गुवाहाटी हाईकोर्ट को सूचित किया कि उचित मंजूरी मिलने तक प्रस्तावित माँ कामाख्या मंदिर एक्सेस कॉरिडोर में कोई निर्माण शुरू नहीं होगा।जस्टिस सौमित्र सैकिया की एकल पीठ चार बोरपुजारी परिवारों के सदस्यों में से एक द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो कामाख्या मंदिर परिसर के भीतर मंदिर पीठों और आसपास के मंदिरों का संचालन कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि प्रस्तावित कॉरिडोर के निर्माण से कामाख्या मंदिर की मूल संरचना को नुकसान न पहुँंचाया जाए।उनकी आशंका है कि कामाख्या मंदिर प्रवेश गलियारे में विकास कार्य शुरू करने की प्रक्रिया में प्रकृति बदलने और बोर्डोरिस सहित भक्तों द्वारा की जाने वाली पूजा की प्रथा को प्रभावित करने का आसन्न खतरा है। उन्हें यह भी आशंका है कि प्रस्तावित विकास कार्य गर्भगृह सहित शाश्वत झरने को प्रभावित करेंगे, जहां पानी का बारहमासी स्रोत पाया जाता है और इसे पवित्र माना जाता है। कामाख्या मंदिर मंदिर परिसर के भीतर दौगरलिया रॉक शिलालेख और रॉक-कट आकृतियों और एक पत्थर-द्वार को छोड़कर कोई भी मंदिर प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 अधिनियम के तहत संरक्षित नहीं है। यह भी कहा गया कि सरकार द्वारा कामाख्या मंदिर मंदिर परिसर को असम प्राचीन स्मारक और अभिलेख अधिनियम 1959 जैसे समान राज्य अधिनियम के तहत संरक्षित स्मारकों में शामिल करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।