पौष महीने में सूर्य के ऊर्जा की महिमा
भोपाल [ महामीडिया] 12 जनवरी से पौष महीने का शुक्ल पक्ष शुरू हो गया है। जो कि 25 जनवरी को पूर्णिमा के साथ खत्म होगा। पौष महीने में सूर्य का प्रभाव बढ़ जाता है। महीने के शुक्ल पक्ष में ही मकर संक्रांति भी रहेगी। इस दिन सूर्य उत्तरायण हो जाएंगे। इस दौरान सूर्य पूजन और व्रत-त्योहार का पुण्य और बढ़ जाएगा।पौष मास में सूर्य का प्रभाव बढ़ने से सृष्टि में बहुत से सकारात्मक बदलाव आते हैं। ऐसे में उन बदलावों के लिए तैयार होना जरूरी है। हिन्दू पंचांग के दसवें महीने को पौष कहते हैं। इस महीने हेमंत ऋतु का असर ज्यादा होता है। इसलिए मौसम में ठंडक बढ़ जाती है। इस महीने सूर्य अपने विशेष प्रभाव में भी रहता है।इस महीने में खासतौर से की जाने वाली सूर्य की उपासना ही शुभ फल देने वाली होती है। मान्यता है कि इस महीने सूर्य 11 हजार रश्मियों के साथ मनुष्यों को ऊर्जा और अच्छी सेहत देता है। मान्यता है कि पौष मास में भगवान भास्कर ग्यारह हजार रश्मियों के साथ तपकर सर्दी से राहत देते हैं, इनका वर्ण रक्त के समान है। शास्त्रों में ऐश्वर्य, धर्म, यश, श्री, ज्ञान और वैराग्य को ही भग कहा गया है और इनसे युक्त को ही भगवान माना गया है। यही कारण है कि पौष मास का भग नामक सूर्य साक्षात परब्रह्म का ही स्वरूप माना गया है।