
आलौकिक आनंद की अनुभूति के लिए महाकाल लोक तैयार
भोपाल [ महामीडिया] प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 अक्टूबर को श्री महाकाल लोक का शुभारंभ करने आ रहे हैं। परिसर में विकास कार्यों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। देश को इसी साल काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर की सौगात भी मिली थी, लेकिन उससे कहीं अधिक सुन्दर श्री महाकाल लोक की परिकल्पना नज़र आ रही है।उज्जैन जिला प्रशासन ने एक नई टैग लाइन दी है, जिसमें लिखा है, ‘उज्जैन में कम से कम दो दिन गुज़ारें’ यानि अब आप उज्जैन आएंगे तो यहाँ महाकाल लोक एवं दर्शन के साथ-साथ पूरे शहर में घूमने के लिए आपको दो दिन का वक्त निकालना होगा। दो चरणों में बनाए जा रहे महाकाल लोक के प्रथम चरण में 356 करोड़ रुपए का काम हो चुका है। कुल 855 करोड़ रुपए के काम किए जाना है, जिसमें अब दूसरे चरण में ये काम किए जाएंगे। उज्जैन ही एकमात्र ऐसा शहर है, जिसे देश के 12 शहरों में सीआईटीआईआईएस प्रोग्राम के तहत फ्रेंच विकास एजेंसी ने फंडिंग के लिए चुना है।
महाकाल लोक की ख़ास बातें-
परियोजना की योजना, उज्जैन स्मार्ट सिटी द्वारा उज्जैन जिला प्रशासन, उज्जैन विकास प्राधिकरण, उज्जैन नगर निगम, महाकाल मंदिर ट्रस्ट और आईपीई ग्लोबल के सहयोग से तैयार की गई है।
यह परियोजना भारत में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सबसे बड़ी सार्वजनिक स्थल के विकास की परियोजना है। इस परियोजना से शहर की सुन्दरता और अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
शहर में पर्यटकों का आवागमन सालाना लगभग डेढ़ करोड़ है अब उम्मीद है यह संख्या बढ़कर तीन करोड़ हो जाएगी। शहर की डायरेक्ट इकॉनमी में भी 300 करोड़ की वृद्धि होगी।
प्रथम चरण के तहत पैदल यात्री, भीड़ प्रबंधन, तीर्थ यात्री सुविधाएं, संस्कृति और विरासत सुरक्षा एवं पर्यावरण को ध्यान रखकर ही मंदिर विस्तार की योजना बनाई गई है। परियोजना का दूसरा चरण आगामी एक वर्ष में पूरा किया जाएगा।
महाकाल लोक में एक समय में करीब 20 हजार तीर्थ यात्री आ सकते हैं। इसमें दो द्वार, मूर्तियों के साथ लैंडस्केप, गार्डन क्षेत्र, रूद्रसागर तट क्षेत्र, शिव स्तम्भ, सप्तऋषि स्थापित हैं। यहाँ ओपन एयर थियेटर और मुक्त आकाश मंच भी है।
यहाँ फ़ूड कोर्ट, हस्तशिल्प कलाकृति, धार्मिक वस्तुओं एवं फूलों की करीब 130 दुकानों का निर्माण किया गया है। 400 कार की क्षमता वाली पार्किंग के साथ इ-रिक्शा की भी सुविधा है।
महाकाल लोक के विकास का लाभ उज्जैन के साथ सम्पूर्ण मालवा क्षेत्र को मिलेगा। उज्जैन-इंदौर-ओंकारेश्वर सर्किट की वजह से सम्पूर्ण इलाके का महत्त्व काफी बढ़ जाएगा। यात्री यहाँ ज्यादा समय बिता सकेंगे।
सिंहस्थ मेले के हिसाब से भी तैयारी की गई है, जब एक साथ श्रद्धालु यहाँ शाही स्नान वाले दिन बाबा के दर्शन करने मंदिर परिसर में पहुँचते हैं। अन्दर भीड़ होने पर मंदिर परिसर के बाहर ही उन्हें रोका जा सकेगा और इस लोक में वे घूमकर आएंगे, तब तक भीड़ नियंत्रण भी हो जाएगा।