माँ सरस्वती की पूजा और अर्चना का विधान  

माँ सरस्वती की पूजा और अर्चना का विधान  

भोपाल [ महामीडिया] मां सरस्वती की प्रतिमा को पीले रंग के कपड़े पर स्थापित करें।उनकी पूजा में रोली, मौली, हल्दी, केसर, अक्षत, पीले या सफेद रंग का फूल, पीली मिठाई आदि चीजों का प्रयोग करें। इसके बाद मां सरस्वती की वंदना करें और पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबों को रखें। मां सरस्वती की मूर्ति पश्चिम-पश्चिम दिशा में स्थापित करनी चाहिए क्योंकि यह स्थान शिक्षा का प्रतीक है। मूर्ति का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए और उस कमरे में सूर्य की रोशनी प्रवेश करती होनी चाहिए। सरस्वती की मूर्ति के साथ-साथ सरस्वती यंत्र भी रखना चाहिए। सफाई के बाद, लोगों को पवित्र स्नान करना चाहिए और सरस्वती पूजा के अवसर पर अच्छे साफ कपड़े पहनने चाहिए। भक्तों को एक लकड़ी का तख्ता लेना चाहिए और उस पर देवी सरस्वती की एक मूर्ति रखनी चाहिए। कुछ अखंडित चावल बिछाएं जिस पर जल से भरा हुआ कलश अवश्य रखें। ध्यान रखें देवी सरस्वती की पूजा में खासतौर पर सफेद वस्तुओं का इस्तेमाल करना चाहिए, जैसे सफेद फूल, सफेद वस्त्र। पुराने समय में इसी तिथि से बच्चों का विद्याध्यन शुरू कराया जाता था। केसरिया वस्त्र पहनकर सरस्वती जी की पूजा करें । मां सरस्वती देवी को शहद चढ़ाएं।

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