मौनी अमावस्या से मिलती है अक्षय पुण्य की प्राप्ति

मौनी अमावस्या से मिलती है अक्षय पुण्य की प्राप्ति

भोपाल  [ महामीडिया ] शास्त्रों में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। हालांकि इस तिथि को शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं, लेकिन दान, धर्म, पुण्य और पितृकर्म के लिए इस तिथि का खास महत्व बताया गया है। अमावस्या तिथि को पवित्र नदियों, सरोवरों और कुंडों में स्नान करने से भी अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साल में 12 अमावस्या आती है और इनके अलग-अलग नाम रखे गए हैं। ऐसी ही एक अमावस्या तिथि 24 जनवरी 2020 शुक्रवार को आ रही है। इस अमावस्या को Mauni Amavasya कहा जाता है।Mauni Amavasya के दिन मौन व्रत धारण करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इन्द्रियों को अपने वश में कर वाणी संयम रखने के लिए मौनी अमावस्या के व्रत का विधान किया गया है। Mauni Amavasya के दिन मनु ऋषि का जन्म भी हुआ था। इस दिन सूर्य और चन्द्रमा गोचरवश मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन गंगा स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल मिलता है। इस दिन स्नान के साथ दान करने का भी बड़ा महत्व है। यह भी मान्यता है कि Mauni Amavasya के अवसर पर गंगा का जल अमृत बन जाता है इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष विधान बतलाया गया है।शास्त्रोक्त कथा के अनुसार काँचीपुर में देवस्वामी नाम का ब्राह्मण अपनी पत्नी और बच्चों के साथ निवास करता था। देवस्वामी ने अपने सभी सात पुत्रों का विवाह कर दिया था। उसकी एक पुत्री भी थी। जिसके लिए देवस्वामी एक योग्य और सुशील वर की तलाश कर रहा था। उसने अपनी पुत्री की कुंडली एक ज्योतिष को दिखाई। ज्योतिष ने कहा कि आपकी लड़की की कुंडली में एक दोष है, जिससे वह विवाह के कुछ समय बाद विधवा हो जाएगी। देवस्वामी ने जब उपाय पूछा तो ज्योतिष ने बताया कि सिंहलद्वीप पर सोमा नाम कि एक धोबिन रहती है उसकी विधिवत पूजा करने से तुम्हारी पुत्री की कुंडली का यह दोष दूर हो जाएगा।\ज्योतिष के उपाय बताने पर उसका छोटा बेटा और पुत्री सोमा धोबिन को लेने के लिए घर से निकल पड़े। समुद्र के किनारे पर पहुंचकर दोनो भाई बहन समुद्र पार जाने का उपाय खोजने लगे। लेकिन लाख कोशिश के बावजूद उपाय नहीं मिला तो वह एक पेड़ के नीचे बैठ गए। पेड़ पर एक गिद्ध का घोंसला बना हुआ था, जिसमें गिद्ध अपने परिवार के साथ रहता था। कुछ समय जब गिद्ध के बच्चों की मां उनके लिए खाना लेकर आई तो उन्होंने कहा कि वह जब तक कुछ नहीं खाएंगे, जब तक पेड़ के नीचे भूखे बैठे लोग कुछ नहीं खाते हैं। जब गिद्ध बच्चों की मां ने दोनों भाई-बहन से इसका कारण पूछा तो उन्होंने समुद्र पार जाने की बात कही। इतना सुनकर उसने कहा कि मैं तुम्हे समुद्र पार लगा दूंगी। उसके बाद दोनों भाई बहन ने भोजन किया और फिर उनको समुद्र पार कर सोमा के घर पहुंचाया।
 

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