दैनिक जीवन में गंगा जल की पवित्रता
भोपाल [ महामीडिया] पवित्रता, सरलता और सहजता से पूजनीय हो जाते हैं। इसी से जीवन सुखद हो सकता है शिव जी ने गंगा को सिर पर धारण कर के यही संदेश साफ तौर पर दिया कि दिमाग में पवित्र विचार रखें तो खुद के साथ परिवार की भी पूजा होगी। शिव जी हिमालय के शिखर से गंगा को संसार के लिए बहाया। वैज्ञानिकों ने पाया हैं कि गंगा जल में वातावरण से ऑक्सीजन सोखने की अद्भुत क्षमता है। गंगा के पानी में प्रचूर मात्रा में गंधक भी होता है, इसलिए यह लंबे समय तक खराब नहीं होता और इसमें कीड़े नहीं पैदा होते। यही कारण है कि गंगा जल को हिंदू धर्म में इतना पवित्र माना गया है। गंगाजल में 'बैक्टीरिया फोस' नामक एक बैक्टीरिया पाया गया है जो पानी के अंदर रासायनिक क्रियाओं से उत्पन्न होने वाले अवांछनीय पदार्थों को खाता रहता है। इससे जल की शुद्धता बनी रहती है। गंगा के पानी में गंधक (सल्फर) की प्रचुर मात्रा मौजूद रहती है इसलिए भी यह ख़राब नहीं होता।