आमलकी एकादशी को बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि योग

आमलकी एकादशी को बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि योग

भोपाल (महामीडिया)आमलकी एकादशी व्रत 14 मार्च दिन सोमवार को है। आमलकी एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना हुआ है। इस योग में पूजा और मांगलिक कार्य सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाले होते हैं। भगवान विष्णु ने कहा था कि पुष्य नक्षत्र में फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी व्रत करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है और मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है। आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं, इसलिए इसे आंवला एकादशी भी कहा जाता है। आमलकी एकादशी को आंवले के पेड़ के नीचे भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी की पूजा होती है। परशुराम जी की मूर्ति या तस्वीर न हो तो भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं। आइए जानते हैं आमलकी एकादशी के पूजा मुहूर्त एवं सर्वार्थ सिद्धि योग के बारे में।
आमलकी एकादशी 2022 सर्वार्थ सिद्धि योग
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि का प्रारंभ 13 मार्च को सुबह 10:21 बजे होगा और इसका समापन 14 मार्च को दोपहर 12:05 बजे होगा। 14 मार्च को आमलकी एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:32 बजे लगेगा और यह रात तक रहेगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग को अति शुभ योग माना जाता है. इस योग में किया गया कार्य सफल होता है। यह अन्य दोषों को भी खत्म करने का गुण रखता है। हालांकि आमलकी एकादशी के दिन होलाष्टक का प्रभाव रहेगा, ऐसे में आप इस दिन केवल पूजा पाठ ही करें। कोई शुभ या नया कार्य करने से बचें.
होलाष्ट में शुभ कार्य वर्जित होते हैं। आमलकी एकादशी के दिन होलाष्टक के प्रभाव के कारण शुक्र ग्रह उग्र होता है। शुक्र के उग्र रहने से इसके दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
आमलकी एकादशी 2022 पूजा शुभ मुहूर्त
आमलकी एकादशी के दिन आप प्रात:काल से ही भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा कर सकते हैं क्योंकि सुबह 06:32 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इस समय में पूजा करने से आपकी मनोकामना पूरी होगी। आमलकी एकादशी के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर में 12:07 बजे से 12:54 बजे तक है। इस समय में भी पूजा करना ठीक रहता है। इस समय भी आपको सर्वार्थ सिद्धि योग प्राप्त होगा।

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