माघ मास में स्नान पर्व का विधान   

माघ मास में स्नान पर्व का विधान   

भोपाल [ महामीडिया]  माघ महीने में सूर्योदय से पहले गंगा में स्नान के बाद पूजा करनी चाहिए और सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए, अगर गंगा स्नान के लिए जाना संभव न हो तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाकर भी कर सकते हैं। 26 जनवरी से माघ महीना शुरू हो गया है। ये 24 फरवरी तक रहेगा। पुराणों में इस महीने को पुण्यफल देने वाला पवित्र मास कहा गया है। पूरे माघ महीने में श्रीकृष्ण, सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा की परंपरा है। धर्म ग्रंथों के जानकारों का कहना है कि माघ महीने में गंगा का नाम लेकर नहाने से गंगा स्नान का फल मिलता है। इस महीने में प्रयाग, काशी, नैमिषारण्य, कुरुक्षेत्र, हरिद्वार या अन्य पवित्र तीर्थों और नदियों में स्नान का बहुत महत्व है।

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